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संग्रामगढ़ के नामदेव बंधुओं ने परम्परा को पुन: जीवित किया

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नामदेव न्यूज डॉट कॉम
अजमेर। भीलवाड़ा जिले की आसींद तहसील के संग्रामगढ़ में विगत 20 वर्षों से जलझूलनी एकादशी की रौनक फीकी रही थी। मगर इस बार नामदेव समाजबंधुओं की बदौलत यह धार्मिक आयोजन फिर से शुरू हो सका। नामदेव मंदिर समिति से जुड़े समाजबंधुओं ने जलझूलनी एकादशी पर ठाकुरजी की बेवाण यात्रा निकालने की परम्परा पुन: शुरू की।

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उनकी पहल पर अन्य समाज भी रेवाडिय़ां निकालने के लिए रजामंद हो गए और बरसों बाद नगर में एक बार फिर हाथी घोड़ा पालकी, जै कन्हैयालाल की…जयघोष गूंज सका।

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नामदेव समाजबंधुओं ने बताया कि संग्रामगढ़ में इस बार 20 साल से बंद पड़ी परम्परा को पुन: शुरू किया गया। नामदेव मंदिर समिति के सदस्यों ने ग्रामवासियों से जलझूलनी एकादशी पर बेवाण यात्रा फिर से शुरू करने का निवेदन किया। उनके प्रयासों से भक्तों ने 5 बेवाणों की शोभायात्रा निकाली। ढोल-ढमाके से निकली शोभायात्रा के बीच में नामदेव समाज का लक्ष्मीनारायण भगवान का बेवाण शामिल था। शोभायात्रा के लिए फूलमालाएं विशेष रूप से कोलकाता से मंगवाई गईं। कस्बेवासियों ने यात्रा के बाद कहा कि नामदेव समाज मन्दिर निर्माण हमारे लिए बहुत शुभ है। नामदेव बंधुओं की पहल पर फिर से जलझूलनी एकादशी पर्व की रंगत जो लौट आई है।

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