अगर कोई अगले साल शादी का ख्वाब सजा रहा है तो सतर्क हो जाए। क्यों कि अगले साल विवाह के लग्न बहुत कम हैं। अमूमन हर साल 50 से 65 विवाह के लग्न मिल जाते हैं, लेकिन अगले साल 2016 में सिर्फ 41 ही लग्न मुहूर्त हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस बार दस रेखीय विवाह का एक भी मुहूर्त नहीं है। हाल ये है कि शुक्र अस्त होने से मई और जून में शादी का एक भी मुहूर्त नहीं है।
इसके बाद जुलाई में केवल 13 तारीख को एक मुहूर्त ही है। मई-जून में विवाह के मुहूर्त ही नहीं मई-जून को सावों का महीना माना जाता है, लेकिन शुक्र अस्त होने से इन दोनों ही महीनों में एक भी विवाह मुहूर्त नहीं है। 3 मई से शुक्र के अस्त होने से दो महीने तक कोई विवाह लग्न मुहूर्त नहीं है।
दस जुलाई को शुक्र के उदय होने पर 13 जुलाई को केवल एक ही सावा है। इसके बाद 15 जुलाई से 11 नवम्बर तक देवशयन करने से चार माह के लिए शहनाइयां फिर से थम जाएंगी। पंडितों की मानें तो 2016 में लग्न के केवल 41 मुहूर्त हैं, जो अन्य वर्षों से काफी कम हैं। इसका कारण मई में शुक्र के अस्त होना भी माना जा रहा है।
इससे पहले 2013 में 52, 2014 में 66 एवं 2015 में 47 सावे थे। इसको देखते हुए लोगों ने अभी से शादियों को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। अप्रेल में सबसे ज्यादा, जुलाई में सबसे कम अप्रेल 2016 में सबसे ज्यादा 11 दिन शहनाइयां गूंजेंगी, जबकि सबसे कम जुलाई के केवल एक ही दिन शहनाई बजेगी। इसके बाद देवशयन कर जाएंगे। फरवरी में चार एवं मार्च में केवल तीन ही विवाह मुहूर्त हैं। अप्रेल में सबसे ज्यादा 11 सावे हैं। हर तीसरे दिन शहनाई बजेगी। एक भी 10 रेखीय विवाह लग्न नहीं है, जबकि आठ रेखीय सावे सबसे ज्यादा हैं।