काशी। ज्योतिषियों ने ज्योतिषीय गणना में ग्रहों के आधार पर दावा किया है कि 20 अप्रैल से 26 जून के बीच आकाश मंडल में कुछ अशुभ खगोलीय घटनाएं देखने को मिलेंगी। इस अवधि में ग्रहों की चाल भी कुछ विशेष होगी।
इस अवधि में मंगल और शनि दोनों ही ग्रह वक्री होंगे। ज्योतिषियों ने 20 अप्रैल से 26 जून के बीच भारत समेत पश्चिम के देशों में प्राकृतिक आपदा, भूकंप, महामारी, सुनामी, दैवी आपदा, विश्व युद्ध और खंड प्रलय जैसे हालात उत्पन्न होने का अंदेशा जताया है।
ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी कहते हैं, जब धनु, मीन, वृष और वृश्चिक राशि के रहते हुए मंगल और शनि वक्रीय हों तो धरती पर मनुष्य, गाय, घोड़ा, हाथी को भारी नुकसान पहुंचता है। 20 अप्रैल से 26 जून 2016 के बीच गुरु चांडाल योग बन रहा है।
यह योग बेहद अनिष्टकारी है। ऐसा योग हजारों साल बाद बन रहा है। इसका असर भारत समेत पूरी दुनिया में देखने को मिलेगा। ज्योतिषीय गणना के आधार पर उनका दावा है कि 20 अप्रैल से 26 जून के बीच ग्रहों का जो दुर्योग बन रहा है, वह बेहद अशुभ है।
इसी अवधि में ब्रह्मांड में गुरु चांडाल योग भी बना रहेगा। बताया कि जब देवगुरु बृहस्पति को राहु ग्रसित करता है, उस योग को गुरु चांडाल योग कहते हैं। 21 फरवरी से 28 जुलाई तक आकाश मंडल में गुरु चांडाल योग है।