चरखी दादरी/भिवानी। छत्तीसगढ़ के जंगलों में 3 मार्च की रात नक्सलियों से हुई मुठभेड़ में घायल हरियाणा के जवान कुलबीर सांगवान ने मौत से तो जंग जीत ली, लेकिन छाती में लगी गोली अब कभी नहीं निकल पाएगी। एम्स चिकित्सकों ने गोली छाती से रीढ़ की हड्डी के पास पहुंचने के कारण उसे नहीं निकालने का निर्णय लिया है।
गांव पांडवान निवासी राजबीर सिंह का 26 वर्षीय पुत्र कुलबीर सांगवान तीन वर्ष पूर्व सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर भर्ती हुए थे। वह कोबरा रेजीमेंट में छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में ड्यूटी पर तैनात थे। फोन पर हुई बातचीत में एम्स में भर्ती कुलबीर सांगवान ने बताया कि इसी माह 3 तारीख को उनकी कोबरा रेजीमेंट को सूचना मिली कि छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के डब्बा मारका क्षेत्र में किस्ताराम से लगभग 15 किलोमीटर अंदर जंगलों में करीब 350 नक्सली छिपे हैं। इसके बाद उनकी 190 सदस्यीय बटालियन ने वहां मोर्चा संभाला। दोनों तरफ से काफी देर तक गोलीबारी होती रही। इस मुठभेड़ में उनकी छाती में गोली लगी। कुलबीर कहते हैं कि यह गोली उसे नक्सलियों की याद दिलाती रहेगी। देश सेवा का जज्बा बरकरार है।