उज्जैन। देश में भले ही राजतंत्र खत्म हो चुका है लेकिन उज्जैन में आज भी राजतंत्र कायम है। यहां के राजा हैं महाकाल। जब वे पालकी में नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं तो उनका उसी तरह से प्रजा स्वागत करती है जैसे राजा-महाराजाओं का किया जाता था।
प्राचीन काल में कोई भी राजा जो उज्जैन का शासक हुआ करता था वह अपना महल उज्जैन की सीमा के बाहर बनवाता था । यदि कोई राजा उज्जैन में सो जाता तो वह मर जाता था क्योंकि एक राज्य में दो राजा कैसे संभव है। यहां के राजा भगवान महाकाल माने जाते है ओर रानी माता हरसिद्धि (जो बावन शक्ति पीठ मे से एक है )। यहां के सेनापति कालभैरव (प्रत्यक्ष रूप से मदिरा का पान करते है)