उज्जैन। सिंहस्थ-2016 के लिये शिप्रा नदी के घाटों का अप्रतिम रूप से निर्माण किया गया है। उज्जैन आने वाले श्रद्धालु और यात्री प्रतिदिन शिप्रा पहुंचकर घाटों के सौन्दर्य को निहार रहे हैं। रंग-बिरंगे घाटों के साथ खूबसूरत लाइटिंग का दृश्य रात्रि में देखते ही बनता है। घाटों के निर्माण पर शासन द्वारा 128 करोड़ रूपये खर्च किये गये हैं। लगभग आठ किलो मीटर लम्बाई में घाट बनाये गये हैं। स्नान दिवस पर सुबह 4 से रात्रि 8 बजे तक की अवधि में करीब एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के स्नान की व्यवस्था की गई है। घाटों ने शिप्रा के सौन्दर्य में अदभुत वृद्धि कर दी है। घाटों की सीढ़ियों वाले स्थानों पर 36 लाख वर्गमीटर क्षेत्र में क्षमता निर्मित की गई है। जल संसाधन विभाग ने सिंहस्थ के लिये कुल 35 घाटों का निर्माण किया है।
कालभैरव झोन में सिद्धवट घाट के बांयी तरफ, वाल्मिकी घाट के दांयी तरफ, ऋणमुक्तेश्वर घाट दांयी तरफ, भृर्तहरि गुफा दांयी ओर, ओखलेश्वर घाट दांयी तरफ, विक्रान्त भैरव घाट बांयी तरफ, कालभैरव घाट बांयी तरफ तथा सिद्धवट घाट बांयी तरफ कुल 506 मीटर लम्बाई के आठ घाट बनाये गये हैं, जिनका क्षेत्रफल 1112.9 वर्गमीटर है। इनकी कुल क्षमता 510216 लोगों की है। इसी तरह मंगलनाथ झोन में मंगलनाथ ब्रिज घाट अपस्ट्रीम बांयी तरफ, गंगाघाट दांयी तरफ, मंगलनाथ ब्रिज घाट डाउनस्ट्रीम बांयी तरफ, मंगलनाथ ब्रिज घाट अपस्ट्रीम दांयी तरफ तथा मंगलनाथ ब्रिज घाट डाउनस्ट्रीम दांयी तरफ कुल 496.5 मीटर लम्बे पांच घाट बनाये हैं।
इन घाटों का क्षेत्रफल 931.7 वर्गमीटर है और इनकी क्षमता 223608 लोगों की है। दत्त अखाड़ा झोन में लालपुल रेलवे ब्रिज से भूखीमाता घाट बांयी तरफ, भूखीमाता से दत्त अखाड़ा घाट बांयी तरफ, भूखीमाता घाट अपस्ट्रीम कर्कराज स्टापडेम बांयी तरफ, भूखीमाता घाट डाउनस्ट्रीम कर्कराज स्टापडेम बांयी तरफ, दत्त अखाड़ा से बड़नगर रपट घाट बांयी तरफ, केदार घाट बांयी तरफ तथा कबीर घाट बांयी तरफ कुल लम्बाई 2432 मीटर के सात घाट बनाये गये हैं। इन घाटों का कुल क्षेत्रफल 9952 वर्गमीटर है और इसकी क्षमता 2388480 लोगों की है।
महाकाल झोन में गौघाट दांयी तरफ, जन्तर-मन्तर घाट, लालपुल रेलवे पुल से गऊघाट दांयी तरफ, चिन्तामन घाट दांयी तरफ, लालपुल रेलवे ब्रिज से भूखीमाता घाट दांयी तरफ, भूखीमाता घाट अपस्ट्रीम कर्कराज स्टापडेम दांयी तरफ, कर्कराज स्टापडेम से नृसिंह घाट दांयी तरफ, नृसिंह घाट से रामघाट बड़नगर रपट दांयी तरफ तथा सुनहरी घाट दांयी तरफ कुल लम्बाई 3147 मीटर के नौ घाट बनाये गये हैं।
इन घाटों का कुल क्षेत्रफल 11986.80 वर्गमीटर है तथा इसकी क्षमता 2876832 लोगों की है। त्रिवेणी झोन में त्रिवेणी बैराज घाट अपस्ट्रीम बांयी तरफ, त्रिवेणी बैराज घाट डाउनस्ट्रीम बांयी तरफ, त्रिवेणी बैराज घाट अपस्ट्रीम दांयी तरफ, प्रशांतिधाम के पास घाट दांयी तरफ, त्रिवेणी घाट (शनि मन्दिर) बांयी तरफ तथा लालपुल रेलवे पुल से गऊघाट बांयी तरफ कुल 1065 मीटर लम्बाई के छह घाट बनाये गये हैं, जिनका क्षेत्रफल 4835 वर्गमीटर है और इसकी क्षमता 1160400 लोगों की है।
घाटों के नाम
त्रिवेणी घाट शनि मन्दिर बांयी तरफ का नाम शिप्रा-रेवा संगम तीर्थ, जन्तर-मन्तर घाट का नाम भास्कराचार्य घाट, गोघाट दांयी तरफ का नाम गोघाट, चिन्तामन घाट दांयी तरफ एवं बांयी तरफ का नाम क्रमश: सियाराम घाट एवं लक्ष्मण घाट, भूखीमाता घाट अपस्ट्रीम कर्कराज स्टॉपडेम बांयी तरफ का नाम अमरावती घाट, भूखी माता घाट डाउनस्ट्रीम कर्कराज स्टॉपडेम दांयी तरफ का नाम कर्कराज घाट, भूखीमाता घाट अपस्ट्रीम कर्कराज स्टॉपडेम दांयी तरफ का नाम प्रतिकल्पा घाट, कर्कराज स्टॉपडेम से नृसिंह घाट दांयी तरफ का नाम ललिता घाट, गुरूनानक घाट से दत्त् अखाड़ा से बड़नगर रपट घाट बांयी तरफ का नाम सन्ध्यापुरी घाट, नृसिंह घाट से रामघाट बड़नगर रपट घाट बांयी तरफ का नाम रामघाट, केदार घाट बांयी तरफ का नाम केदार घाट, सुनहरी घाट दांयी तरफ का नाम कनकश्रृंगा घाट, कबीर घाट का नाम यथावत कबीर घाट, वाल्मिकी घाट दांयी तरफ का नाम वाल्मिकी घाट, ऋणमुक्तेश्वर घाट दांयी तरफ का नाम ऋणमुक्तेश्वर घाट, भर्तृहरि गुफा घाट दांयी तरफ का नाम मत्स्येंद्रनाथ घाट, ओखलेश्वर घाट दांयी तरफ का नाम ओखलेश्वर घाट, त्रिवेणी बैराज घाट अपस्ट्रीम बांयी तरफ का नाम त्रिवेणी नवग्रह घाट, त्रिवेणी बैराज घाट अपस्ट्रीम दांयी तरफ का नाम मृत्युंजय घाट, प्रशांति धाम के दांयी तरफ घाट का नाम प्रशांति घाट, लाल पुल रेलवे ब्रिज से भूखीमाता घाट बांयी तरफ का नाम भुवनेश्वरी घाट, लालपुल रेलवे ब्रिज से भूखीमाता घाट दांयी तरफ का नाम राजराजेश्वरी घाट, भूखीमाता से दत्त अखाड़ा घाट बांयी तरफ का नाम गुरूनानक घाट, मंगलनाथ ब्रिज घाट अपस्ट्रीम बांयी तरफ का नाम मंगलनाथ घाट, सिद्धवट घाट बांयी तरफ का नाम सिद्धवट घाट, लालपुल रेलवे पुल से गऊघाट दांयी तरफ का नाम गौतम घाट, लालपुल रेलवे पुल से गऊघाट बांयी तरफ का नाम परशुराम घाट रखा गया है।