बाबा को किया हल्दी-चंदन का लेप, हुआ मनोहारी शृंगार
उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्र उत्सव प्रारंभ हो गया। बाबा महाकाल को प्रतिदिन हल्दी-चंदन का लेप लगाकर मनोहारी शृंगार किया जाएगा। 7 मार्च को उत्सव का समापन होगा। मंदिर परिसर में इंदौर के ख्यात हरिकीर्तन करने वाले कानडक़र परिवार के रमेश कानडक़र शिव कथा और हरि कीर्तन की प्रस्तुति देंगे।
महाकालेश्वर मंदिर में इस वर्ष भी महाशिवरात्रि के पूर्व नौ दिनी शिव नवरात्र उत्सव प्रारंभ हो गया है। रविवार प्रात: पं. घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में कोटितीर्थ के समीप नैवेद्य कक्ष में चंद्रमौलेश्वर का पूजन हुआ। पश्चात कोटेश्वर महादेव का अभिषेक और पूजन किया गया। 11 ब्राह्मणों द्वारा भगवान महाकाल का एकादश-एकादशमी अभिषेक तथा लघुरुद्र का पाठ प्रारंभ किया गया, जो कि प्रतिदिन चलेगा। रविवार अपराह्न 3 बजे बाबा का सायंकालीन पूजन किया गया और भगवान को चंदन, हल्दी का लेप कर नवीन वस्त्र धारण कराए गए। ज्ञात रहे मंदिर में शाम 5 बजे होने वाला पूजन शिव नवरात्र के दौरान अपराह्न 3 बजे होगा। मंदिर प्रशासक आर.पी.तिवारी ने बताया कि इंदौर के कानडक़र परिवार द्वारा शिवकथा और हरिकीर्तन की प्रस्तुति 7 मार्च तक प्रतिदिन अपराह्न 4 से शाम 6 बजे तक नवग्रह मंदिर के समीप स्थित संगमरमर के चबूतरे पर होगी। इसी प्रकार प्रतिदिन शाम को बाबा का विविध शृंगार भी किया जाएगा। इधर जूना महाकाल में भी शिव नवरात्र उत्सव प्रारंभ हो गया। यह उत्सव भी 7 मार्च तक चलेगा।
प्रवेश बंद रहेगा गर्भगृह में
तिवारी ने बताया कि शिव नवरात्र उत्सव के तहत 7 मार्च तक प्रात: 9 से दोपहर 1 बजे और अपराह्न 3 से शाम 5 बजे तक मंदिर गर्भगृह में बाबा का पूजन और शृंगार होने से गर्भगृह में प्रवेश बंद रहेगा। इस दौरान श्रद्धालु नंदी हॉल के पीछे बने बेरीकेट्स से बाबा के दर्शन कर सकेंगे।
औषधियों की आहूति अर्पित
तिवारी ने बताया कि सिंहस्थ के सफल आयोजन और लोक मंगल की भावना से मंदिर प्रबंध समिति तथा केन्द्रीय सिंहस्थ समिति द्वारा संयुक्त रूप से महारुद्र यज्ञ तथा गणपति अथर्वशीर्ष अनुष्ठान 22 फरवरी से जारी है। यह अनुष्ठान 3 मार्च तक चलेगा। उन्होंने बताया कि रविवार को औषधियों की आहुतियां महारुद्र यज्ञ में अर्पित की गई और स्थापित देवताओं का पूजन, वसोधरा, पूर्णाहुति एवं महाआरती संपन्न हुई।