नई दिल्ली। देशभर में मंगलवार को गंगा दशहरा का महापर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। गंगा मंदिरों के सहित अन्य मंदिरों में भी आज विशेष पूजा-अर्चना का विशेष आयोजन देखा जा रहा है। इस पर्व पर दान-पुण्य और गंगा स्नान का विशेष महत्व है और ऐसा माना जाता है कि इस दिन गायत्री मंत्र का प्रकटीकरण भी हुआ था। यह पर्व ज्येष्ठमाह की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है और आज ही के दिन देवी गंगा धरती पर आई थी।
शास्त्रों के अनुसार, आज के दिन मां गंगा में डुबकी लगाने से सभी पाप धुल जाते हैं और मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वैसे तो गंगा स्नान का अपना अलग ही महत्व है लेकिन गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने से मनुष्य सभी दुखों से मुक्ति पा जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार गंगा दशहरा पर दशमी तिथि का शुभ योग मंगलवार सुबह 5.45 से लेकर बुधवार सुबह 7.35 बजे तक रहेगा। गंगा दशहरा के दिन व्यक्ति को किसी भी पवित्र नदी पर जाकर स्नान, ध्यान तथा दान करना चाहिए। इससे वह अपने सभी पापों से मुक्ति पाता है। इस दिन दान-पुण्य करने का भी अधिक महत्व है।
ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को मनाए जाने वाले इस पर्व पर गंगा तट पर काफी बड़ी मात्रा में जन सैलाब देखा जा रहा है। यह दिन सबसे पुण्यकारी व फलदायी है। मंदिरों में गंगा दशहरा पर पूजन के साथ ही भगवान शिव का अभिषेक कर प्रसाद का वितरण किया जाता है। स्कंद पुराण में दशहरा नाम का गंगा स्तोत्र दिया हुआ है। इस दिन दस वस्तु का दान करना चाहिए। इससे अधिक फल की प्राप्ति होती है। इस दिन पूजा-पाठ और स्नान करने से आपके सभी पापों का नाश हो जाता है।