नीम की लकड़ी से बन रहे 12 विग्रह
जगदलपुर। अब भक्तों को भगवान जगन्नाथ के 12 रूपों के दर्शन एक ही जगह हो सकेंगे। स्थानीय भगवान जगन्नाथ मंदिर में जल्द ही यह सुविधा शुरू होने वाली है।
मंदिर में 18 नवम्बर को ओडि़सा से नीम की मूर्तियां और जगन्नाथपुरी से भगवान के अस्त्र-शस्त्र तथा अन्य सामान पहुंच चुका है। विग्रह स्थापित करने के लिए ओडि़सा के कारीगर दिन रात एक कर रहे हैं। कारीगर रत्नाकर राणा ने बताया कि 5 कारीगर इस कार्य में जुटे हैं। उनकी कोशिश है कि इस काम को 25 दिनों में पूरा कर दें।
जगन्नाथ मंदिर के संरक्षक वनमाली प्रसाद पानीग्राही ने बताया कि भगवान जगन्नाथ के 12 रूपों का दर्शन एक साथ हो सके, इसके लिए अब तक कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई थी। कुछ फ्लेक्स के सहारे ही लोगों को एक साथ उनके अलग-अलग रूपों के दर्शन होते थे, लेकिन अब यह समस्या नहीं रहेगी।
जगन्नाथ मंदिर में स्थापित होने वाली इन मूर्तियों की स्थापना में 2 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष दिनेश पानीग्राही ने बताया कि इस काम को शुरू करने के लिए कई बार योजनाएं बनाई गई थी जो अब जाकर साकार हो रही है।
इसके खर्च में सरकार या टेम्पल कमेटी कोई सहयोग नहीं करेगी। पूरा खर्च समाज के सदस्यों द्वारा वहन किया जाएगा। मूर्तियों की स्थापना होने के बाद ही इसकी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।