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नए नोट का रहस्य खुला, चिप नहीं स्याही है खास !

       (स्पेशल रिपोर्ट )

नामदेव न्यूज़ डॉट कॉम

अजमेर। दो हजार के नए नोट में गुप्त चिप लगी होने की चर्चा एक बार फिर गरमा गई है। देशभर में नोटों के जमाखोरों के यहां छापे पड़ रहे हैं। हर जगह दो हजार के नए नोटों का जखीरा मिला। इससे इस चर्चा को बल मिला कि नोटों में pm मोदी ने चिप लगवाई है जिससे पता लग जाता है कि कहां कहां नोट छिपाए गए हैं।

मगर यह बात सोलह आना सच नहीं है क्योंकि खुद वित्त मंत्री अरुण जेटली इस बात को साफ़ ख़ारिज कर चुके हैं कि नए नोट में कोई सीक्रेट चिप लगाई गई है।

अब सवाल उठता है कि नए नोटों में कोई चिप नहीं है तो फिर नोटों के जखीरे पकड़े क्यों जा रहे हैं। इनकम टैक्स विभाग को कैसे पता चल रहा है कि कहां कहां बड़े पैमाने पर नए नोट छिपाकर रखे गए हैं। विभाग की टीमें सीधे वहीं क्यों छापे मार रही हैं। इतना तो जरूर है कि नए नोटों में कुछ ना कुछ राज है।

अब इस राज का भी खुलासा हो गया है। जानकारों का दावा है कि नए नोट में चिप नहीं बल्कि खास तरह की स्याही का इस्तेमाल किया गया है। एक ही जगह ज्यादा नोट जमा होते ही यह स्याही ही पोल खोल रही है।

विशेषज्ञों के मुताबिक नोट में कोई चिप नही बल्कि एक प्रकार के रेडियो एक्टिव इंक का प्रयोग किया गया है। रेडियोएक्टिव स्याही का प्रयोग विकसित देशों में पहले से बतौर इंडिकेटर (सूचक/संकेतक) किया जाता रहा है।

दरअसल P32 फास्फोरस का रेडियोएक्टिव आइसोटोप है जिसके नाभिक मे 15 प्रोटोन और 17 न्यूट्रोन होते हैं और यह रेडियोएक्टिव स्याही में न्यून मात्रा में प्रयोग किया जाता है। यह रेडियोएक्टिव वार्निंग टेप की तरह प्रयोग होता है जिससे एक ही जगह पर मौजूद लिमिट से अधिक होने पर इंडिकेटर के तौर पर नोटों की मौजूदगी को यह सूचित करता है। जिससे भारी मात्रा में लोग इससे युक्त नगदी का संग्रह करते ही पकड़े जा रहे हैं। नए नोट भी लोग छुपा कर वहीँ रख रहे हैं जहां सोना चांदी और अन्य अवैध कमाई के नोट है ऐसे में जांच के दौरान छिप कुछ नही रहा।

500 का नोट भी ख़ास

दो हजार के साथ पांच सौ की नोट में भी यही इंक का प्रयोग है और जल्द आने वाली हजार के नोट में भी यही प्रयोग हुआ है। हालाँकि क्षयांक यानि टी हाफ की वजह से एक तय समय बाद नोट की इंडिकेटर सक्रियता कम हो जाएगी इसलिए नए नोट भी भविष्य में बंद होंगे। यह इंक का इंडिकेटर कहाँ लगा है इसकी जानकारी सुरक्षा वजहों से नहीं दी जा रही है।

दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि आने वाले समय में नए नोट भी बंद होंगे क्योंकि धीरे धीरे इस खास स्याही का असर कम होता जाएगा, मगर सरकार का कहना है कि 500 का नया नोट बन्द नहीं होगा। जबकि अर्थशास्त्रियों का कहना है कि आने वाले दिनों में 2000 का नोट बन्द कर दिया जाएगा।

बहरहाल सच्चाई चाहे जो हो लेकिन पाठक गूगल पर रेडियो एक्टिव इंक के बारे में पढ़कर नए नोटों के बारे में अपनी जानकारी बढ़ा सकते हैं।

हूँ। इसे आप संकल्पना (हाइपोथिसिस) कहें या जो भी मगर सिर्फ आप लोगों के हित में लिख रहा हूँ क्योंकि आप ईमानदार नही बने तो यह नई नोट आपको ईमानदार बना देगी। जिसे शक दूर करना हो वह गूगल में रेडियोएक्टिव इंक खोज सकता है अन्यथा भ्रम पाले रहना भी बहुतों को जरुरी..है