न्यूज नजर : आज शाम से सूर्य मिथुन राशि के आर्द्रा नक्षत्र में लगभग 14 दिन भ्रमण करते हुए धरती को वर्षा ऋतु का पहला स्नान करा जाते हैं और तपी हुई पृथ्वी को राहत देते हैं। धरती इस स्नान से तृप्त नहीं होती है। सूर्य आर्द्रा नक्षत्र से आगे निकल कर फिर पुनर्वसु नक्षत्र में भ्रमण करते हैं। पुनर्वसु नक्षत्र का स्वामी ग्रह वृहस्पति ग्रह होते हैं ।
सूर्य का मित्र ग्रह होने ओर हवा का कारक होने के कारण पुनर्वसु नक्षत्र में मानसून अपनी अच्छी गति पकड़ लेता है। आज 6 जुलाई 2019 को सूर्य शाम 4 बज कर 48 मिनट पर आर्द्रा नक्षत्र को छोड़ कर पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश कर गए।
16 जुलाई 2019 को सूर्य की कर्क संक्रांति होगी। तब तक सूर्य पुनर्वसु नक्षत्र का लम्बा सफर तय कर लेंगे और 20 जुलाई को पुष्य नक्षत्र में प्रवेश कर धरती को रूक रूक कर छक कर स्नान कराते रहेंगे।
सायन मत में 23 जुलाई 2019 को सूर्य की सायन सिंह संक्रांति होंगी तथा सूर्य दक्षिणायन की ओर होगे वर्षा ऋतु का आगाज़ करेंगे। सायन मत में सूर्य की सिंह व कन्या राशि में भ्रमण को वर्षा ऋतु माना जाता है जो 23 सितम्बर तक रहेगी।
धरती इन राशि नक्षत्रों में छक कर स्नान कर सारी गर्मी निकाल देती है और सावन की हरी भरी चूनर ओढ़ लेती हैं । ऐसी ज्योतिष शास्त्र की मान्यता है।