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अयोध्या सज-धजकर तैयार, मगर रामलला रहेंगे तिरपाल में


लखनऊ/अयोध्या। दीपावली पर जहां सभी मंदिरों में रंग रोगन कर भारी सजावट की गई है वहीं रामलला पुराने तिरपाल में ही रहेंगे। दीपावली पर अयोध्या के मंदिरों में शानदार सजावट की गई है। मंदिरों को आकर्षक झालरों व एलईडी बल्ब से सजाया गया है। मथुरा की होली की तर्ज पर ही अयोध्या में दीवाली मनाई जाती है।

दीपावली पर्व का रामनगरी अयोध्या में विशेष महत्व है। मान्यता है कि 14 वर्ष के वनवास के बाद जब प्रभु श्रीराम अयोध्या वापस आए थे तो उनका राज्याभिषेक किया गया। श्रीराम के अयोध्या लौटने की खुशी में पूरी अयोध्या को दीपों से सजाया गया था। तब से पूरे विश्व में दीपावली मनाई जाती है।

गौरतलब हो कि श्रीरामजन्मभूमि स्थल पर जहां रामलला विराजमान हैं वहां पर टेंट बदलने की तैयारी अंतिम चरण में है लेकिन अब तिरपाल दीपावली बाद ही बदला जाएगा। लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद टेंट को रूड़की से लाया गया है उसकी नाप जोख भी पूरा हो चुका है। तिरपाल में विराजे रामलला को नया वस्त्र धारण कराकर, लाई,गट्टा,बताशा का भोग लगाकर घी का दीपक जलाया जाता है।
पांच हजार मंदिरों में होती है सजावट
दीपावली पर अयोध्या के लगभग पांच हजार मंदिरों में भव्य सजावट की जाती है। अयोध्या के संत शिया किशोरी शरण महाराज ने बताया कि दीपावली के दिन भगवान को सुन्दर सफेद, वस्त्र, आभूषण और रत्न जटित सफेद मुकुट धारण कराया जाता है। इसके बाद विभिन्न प्रकार के व्यंजनों से भगवान का भोग लगाया जाता है और घी के दीये सभी मंदिरों में पूरी रात जलाए जाते हैं। वहीं अगले दिन अन्नकूट में भगवान श्रीराम को 56 प्रकार के व्यंजनों से भोग लगाते हैं।