चित्तौडगढ़। बाजार में भले ही सोने चांदी के भाव बेहताशा बढ़ते हो लेकिन आस्था के आगे आज भी इन बेशकीमती धातुओं के भाव कमतर ही साबित हो रहे हैं। यही कारण है कि प्रदेश के प्रमुख मंदिरों में नकदी के साथ सोने चांदी से बने आभूुषणों को चढ़ाने वाले श्रद्वालुओं की भी तादाद बढती जा रही है। ऐसा ही मंदिर मेवाड़ के प्रसिद्व कृष्णधाम सांवलिया जी का मंदिर है जहां पर सर्वाधिक सोना चांदी का चढावा चढ़ाया जाता है। देव स्थान विभाग के प्राचीन मंदिरों का बीते सालो का रिेकार्ड देखे तो नकदी के साथ साथ सोने-चांदी के चढ़ावे में बढ़ोतरी हुई है। श्री सांवलिया मंदिर की बात करे तो यहां प्रतिमाह खुलने वाले भण्डारे में चढावे की राशि लगातार बढ़ रही है। इस वर्ष जहां रेकार्ड 3 करोड़ 70 लाख रूपये से अधिक की राशि निकली वहीं 22.50 तोला सोना और 12 किलो चांदी भी मंदिर में भेंट स्वरूप प्राप्त हुई।
इसलिए सांवलिया जी को कहते है सेठ जी
श्री सांवलिया जी मंदिर में प्रतिवर्ष चढ़ावे में लगातार बढ़ोतरी हो रही है । गत वर्ष जहां मंदिर में चढ़ावा 3 करोड़ रूपये ही था वहीं इस वर्ष चढ़ावे में लाखो रूपये की बढ़ोतरी हुई है। मान्यता है कि सांवलिया जी में जो भी अपनी मन्नत मांगता है उसकी मन्नत पूरी होने पर भेंट स्वरूप नकद राशि और सोने चांदी के जेवर भी चढ़ाता है। यही कारण है कि दिन प्रतिदिन यहां श्रद्वालुओं की संख्या बढती जा रही है। प्रतिवर्ष यहां 20 लाख से अधिक श्रद्वालु श्री सांवलिया जी दर्शनार्थ आते है इनमें से अधिकांश लोग गुजरात, व राजस्थान के कई जिलो के साथ साथ अब दक्षिण भारत के भी सैलानी दुर्ग भ्रमण के साथ ही श्री सांवलिया जी के दर्शन करने भी आते है।
अन्य मंदिरो का चढ़ावा
राजसंमद के चारभुजा मंदिर में गत वर्ष 407.380 ग्राम सोना और 25 किलो 247 ग्राम चांदी प्राप्त हुई थी। इसी तरह उदयपुर के जगदीश मंदिर में बीते तीन सालो में 150 ग्राम सोना व 2 हजार 212 ग्राम चांदी प्राप्त हुई थी।