अलवर. भारत देश धर्म और आस्थाओं का है. यूं तो सभी मंदिरों में भगवान शिव की अनेक रूपों में झांकियां सजाई जाती हैं. लेकिन, अलवर में सागर ऊपर स्थित श्री श्री 1008 श्रीबख्तेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव मां पार्वती के साथ दूल्हा-दुल्हन के रूप में दोनों पुत्रों गणेश जी व स्वामी कार्तिकेय जी के साथ विराजमान हैं.
यह मंदिर करीब 207 साल पुराना है. इस मंदिर में भगवान शिव के रुद्र अवतार हनुमान जी भी रामायणी हनुमान जी के रूप में विराजमान हैं.
मंदिर के पंडित विजय शास्वत ने बताया कि यहां भगवान शिव- पार्वती का ऐसा मंदिर शायद ही कहीं दूसरा हो. इसी के साथ ही मंदिर में गणेश जी का वाहन मूषक व कार्तिकेय जी का वाहन मयूर, काले संगमरमर से निर्मित है. भगवान शंकर का वाहन नंदी व मां पार्वती का वाहन सिंह, सफेद संगमरमर से निर्मित है. इस मंदिर में भगवान शिव व मां पार्वती की एक ही पाषाण से निर्मित प्रतिमाएं हैं.
मंदिर के पंडित विजय सारस्वत ने बताया कि ऐसी भी मान्यता है कि भगवान शिव और माता पार्वती के दूल्हा-दुल्हन रूप में विराजमान प्रतिमाओं की पूजा अर्चना करने से विवाह योग्य कन्याओं को मनोवांछित सुंदर वर की प्राप्ति होती है व परिवार में सुख शांति की स्थापना होती है.
महंत ने बताया कि अलवर के मूसी महारानी स्थित बख्तेश्वर महादेव मंदिर करीब 200 साल से भी ज्यादा पुराना है. यह मंदिर अलवर के महाराजा बख्तावर सिंह ने उस समय पंडित राम दयाल जी महाराज को सौंपा. तब से उनका परिवार इस मंदिर की देखभाल करता है.