ब्यावर (अजमेर)। समाज की निःस्वार्थ सेवा करने वाले को इसका फल जरूर मिलता है। ब्यावर निवासी ओममुनि इसका उदाहरण हैं। वे सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापक रहे। नौकरी के दौरान ही वे आर्य समाज के माध्यम से समाजसेवा करते रहे। पूरी तरह से आस्तिक ओममुनि के जवान बड़े पुत्र विश्वकीर्ति झंवर का …
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