नामदेव जब 5 वर्ष के थे तो एक दिन दामाशेटी गांव में उनकी मां ने उन्हें भगवान को भोगमें चढ़ाने के लिए दूध दिया और कहा कि वह इसे विठोबा को चढ़ा आए। नामदेव सीधे मंदिर में गए और मूर्ति के आगे दूध रखकर कहा कि, लो इसे पी लो। …
Read More »…और घूम गया शिवालय
एक बार संत नामदेव और संत ज्ञानेश्वर एक साथ तीर्थयात्रा पर निकले हुए थे। वाराणसी, गया, प्रयाग घूमते-फिरते वे भगवान शिव के स्थान औंढ्या नागनाथ पहुंचे। ये संत जहां भी जाते थे, कीर्तन के माध्यम से ईश भक्ति करते थे। अत: यहां भी उन्होंने कीर्तन कर ईश्वर चरणों में हाजिरी …
Read More »कथा नामदेव जी की
बन्धुओ एक बार संत नामदेव जी की छोपडी मै आग लग गई। सारा सामान जल गया। आसपास के लोगो ने विस्तर के कपडे किसी तरह बचा लिए । उस समय संत जी दूसरे गाँव मे धर्म प्रचार के लिये लोगो के बीच सेवा दे भजन गा रहे थे। तभी भजन बंद …
Read More »मौत की यह है सच्चाई
किसी नगर में एक धनवान व्यक्ति रहता था। वह बड़ा विलासी प्रकृति का था। उसके मन में हमेशा भोग-विलास के विचार चलते रहते थे। एक दिन संयोग से किसी संत से उसका संपर्क हुआ। वह संत से अपने भोगी और अशुभ विचारों से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना करने लगा। संत …
Read More »जब विट्ठल बने सखू बाई
करवीर नामक तीर्थ क्षेत्र में अनेक वर्ष पूर्व सखू का ससुराल था। उसके पति का नाम दिगंबर था। उनके साथ उसकी सास भी रहती थी। उसकी सास कठोर थी । वह सखू को अत्यधिक पीड़ा देती थी। उसे भूखा रखती थी, पीटती भी थी, सुबह से रात्रि तक वह सखू …
Read More »आगे बढऩा है तो जरूर बढि़ए
एक बार कुछ वैज्ञानिकों ने एक बड़ा ही रोचक प्रयोग किया। उन्होंने 5 बंदरों को एक बड़े से पिंजरे में बंद कर दिया और बीचो-बीच एक सीढ़ी लगा दी। उसके ऊपर केले लटक रहे थे। जैसा कि अनुमान था, जैसे ही एक बन्दर की नजर केलों पर पड़ी वह उन्हें …
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