मृत्युभोज के खिलाफ नामदेव समाज में जली अलख चंद रोज पहले जहां परिजन के बिछडऩे का गम था, सांत्वना देते रिश्तेदार व परिचित थे, वही अब जश्न सा माहौल। नए कपड़े पहने मेहमानों का हुजूम…हंसी-ठट्ठे के बीच आपस में बतियाते वे ही रिश्तेदार और परिचित। पहरावणी का दौर…कपड़े भेंट करते …
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