सीकर। क्या कोई माता-पिता इतने निर्मम हो सकते हैं कि अपनी नवजात बच्ची से उसके जीने का हक छीनने पर आमादा हो जाए। सरकारी स्तर पर भले ही बेटी बचाने के भरसक प्रयास किए जाए लेकिन बेटी आज भी सामाजिक स्तर पर बोझ ही समझी जा रही है। इसी मनोदशा …
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