न्यूज नजर : चन्द हसरतें व्यक्ति, समाज, संस्कृति और व्यवस्था को तहस-नहस कर देती हैं। समूचा ढांचा जर्जरित हो कर गिरने की शुरुआत करने लग जाता है। चाहे यह ढांचा सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, राजनैतिक, भौगोलिक या फिर सांस्कृतिक ही क्यो ना हो। ये हसरतें अपने को सफल बनाने के प्रयास …
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