प्रयागराज। मोक्षदायिनी गंगा, श्यामल यमुना और अन्त: सलिला स्वरूप में प्रवाहित सरस्वती के विस्तीर्ण रेती पर बसे तंबुओं के आध्यातमिक नगरी माघ मेला में कल्पवासियों का कहना है कि कल्पवास करने से कर्म, वचन और मन तीनों की शुद्धता के साथ शरीर स्वस्थ और जीवन अनुशासित बनता है। उनका कहना …
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