न्यूज नजर : आषाढ़ मास में सूर्य की प्रचंड गर्मी धरती को इतना तपा देतीं हैं और संदेश देने लग जाती है कि अब प्रकृति परिवर्तन की ओर जा रही है और हर परिवर्तन एक नयी शुरुआत करता है। परिवर्तन के रूप में धरती को वर्षा रूपी जल …
Read More »पेट की आग के सामने ” नौतपा ” व ” कोरोना” बेबस
न्यूज नजर : नौ तपा अर्थात नौ दिन तक अपनी पूर्ण की उष्णता के साथ तपाने वाला। सूर्य जब अपनी धुरी पर भ्रमण करता हुआ उत्तरायन की ओर होता है तो वह अपने सोर वर्ष की नयी यात्रा मेष राशि से शुरू कर अपनी उच्चसथ राशि मेष मे आ जाता …
Read More »कामदेव भस्म होने की ओर बढ़ने लगा
न्यूज नजर : बसन्त ऋतु का राजा बनकर कामदेव देवों की पूर्व निर्धारित योजना को लागू करने के लिए सृष्टि के महाकाल पर अपने कामबाणो से प्रहार करने लगा और महाकाल शिव को अपने जाल में फसाने का चक्रव्यूह बनाने लगा। सभी देव चाहते थे कि शिव पार्वती से …
Read More »‘भूत विद्या’ विज्ञान से दूर, पलती है आस्था के घर
न्यूज नजर। भूत ने जमकर ठहाका लगाया और दिल खोल कर हंसते हुए कहने लगा कि हे मानव तू मुझ से डर मत, मुझे जीभर कर प्यार कर तथा मेरा ऐतबार कर। इस जगत में तू कुछ भी कर ले लेकिन बिना मेरे ध्यान के तुझे किसी भी कार्य में …
Read More »मन को लुभाती हुईं बरसे बदलियां सावन की
न्यूज नजर : मन को लुभाती हुईं सावन मास की बदलिया रिमझिम रिमझिम बरस रही है और इस धरती को ही नहीं सभी जीवों को आनंद की अनुभूति करा रही है। काली घटायें और कडकती हुई आसमान की बिजलियां भय दिखा रही है कि हे मानव जरा संभल कर रहना …
Read More »मृत आत्मा का तर्पण और वैशाख मास
न्यूज नजर : भारतीय संस्कृति आत्मा और पुनर्जन्म के सिद्धांतों को मानती है। जो जीवन शक्ति हमारे शरीर को संचालित करती है उसे ” आत्मा ” कहा जाता है। व्यक्ति के जीवन से पहले और मृत्यु के बाद यह आत्मा किस अवस्था में रहती हैं इसका विषद और गहनतम …
Read More »” राम रत्न” धन पायो, जीवन सफल बनायो
न्यूज नजर : थाली में सजाकर हर रत्न को तोहफे में बांटना बडा आसान होता है क्योंकि वो बांटने वाले की मेहरबानी पर ही निर्भर करता है कि यह तोहफा किसे और क्यों दिय़ा जाय। प्रतिस्पर्धा के तोहफे तो योग्यता पर आधारित होते हैं पर कई तोहफे योगदान उपस्थिति …
Read More »आत्मा व शरीर के मिलन से पैदा होता है मन और फिर मनमानी
न्यूज नजर : प्रकृति पंच महाभूतों का मंथन करके शरीर रूपी कलश का निर्माण करती है और उसमें आत्मा रूपी अमृत डाल कर शरीर को चेतन कर देती है। आत्मा व शरीर के मिलन से मन उत्पन्न होता है और मन अपनी जन्मजात वृत्तियों से शरीर का संचालन करने लग …
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