चांगदेव महाराज सिद्धि के बल पर 1400 वर्ष जीए थे। उन्होंने मृत्यु को 42 बार लौटा दिया था। उन्हें प्रतिष्ठा का बड़ा मोह था। उन्होंने सन्त ज्ञानेश्वर की कीर्ति सुनी। उन्हें सर्वत्र सम्मान मिल रहा था । चांगदेव से यह सब सहा न गया। वे ज्ञानेश्वर से जलने लगे। चांगदेव …
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