अराजकता जब चरम सीमा पर पहुंच जाती है और रक्षा करने का महामानव मौन धारण कर लेता है तो सर्वत्र त्राहि त्राहि मच जाती है। बालक बालिकाओं, नर, नारी, बुजुर्ग सभी को अंहकारी शक्तियों से लदा मानव हर तरह की प्रताड़ना देता हुआ नारकीय कर्म करने लग जाता है। …
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