न्यूज नजर : राजस्थान के जैसलमेर जिले की वर्तमान पोकरण तहसील कभी राज घराना था और यहां पर तंवर वंश के राजा अजमल जी राज करते थें। लगभग 667 वर्ष पुरानी यह बात है। राजा अजमल जी के संतान नहीं थी। किसी की सलाह पर वह द्वारका में …
Read More »पूर्णिमाओं में जो ‘गुरु’ हो…
न्यूज नजर : प्रकृति अपनी पूर्णता और प्रलय दोनों रूपों को आकाश में स्थित चन्द्रमा के रूप में प्रस्तुत करती हैं। सृष्टि सृजन के रूप में प्रकृति चन्द्रमा को पहली कला के रूप में दिखाती है जो किसी को नजर नहीं आता है और दूसरी कला के रूप में नये चन्द्रमा का …
Read More »साल का आखिरी सूर्यग्रहण कल 11 अगस्त को, ग्रहण के मेलों में कुदरत के संदेशे
न्यूज नजर : इस वर्ष पृथ्वी और चन्द्रमा की छाया के खेल ने आकाश मंडल में काफ़ी हलचल मचा दी। विज्ञान को खुद अपने सिद्धांतों के अनुसार खोज करने और अनुसंधान करने के लिए विवश कर दिया। लोक मान्यताओ में इसे पृथ्वी पर भार अर्थात भावी अज्ञात भय …
Read More »अदब ना थे उनमें, वो नये रईस थे…
राज नर्तकी ने बडे अदब से राजा को सलाम किया और राज्य में होने वाले सालाना कार्यक्रम में अपना नृत्य प्रस्तुत किया। उसकी भाव भंगिमाएं सुर-ताल के अनुरूप अपना अदब प्रस्तुत कर रहीं थी। राजा को रिझाने वाले उसके प्रदर्शन मे कला थी प्रेम ना था । राजदरबार में बैठी …
Read More »काली रातों में बेचैन नेकी का बादशाह…
उसकी हर एक नेकियों का एकमात्र गवाह केवल परमात्मा ही होता था। हर काली आधी रात में वो बैचैन होकर अपने राज्य के प्रमुख स्थानों पर जाकर जमीनी हकीकत को पूरी तरह से जांचता परखता और फिर उसका निदान करने के लिये कठोर और उचित क़दम उठाता था। इतना …
Read More »जोगणिया धाम पुष्कर में भजन-कीर्तन के साथ बाबा रामदेव भंडारे का समापन
नामदेव न्यूज डॉट कॉम अजमेर। ब्रह्मा जी की नगरी पुष्कर में जोगणिया धाम की तरफ से बाबा रामदेव जातरूओं के लिए संचालित भंडारे का गुरुवार को समापन हुआ। जोगणिया धाम के संस्थापक ज्योतिषाचार्य भंवर लाल ने बाबा रामदेव की पूजा अर्चना कर भंडारे का विधिवत समापन किया। संयोग यह रहा …
Read More »कर्म के सागर में डूबा भाग्य का पारस …
एक बादशाह अपने महल की छत पर खडा होकर रात की बासी रोटियां नीचे फैंक रहा था। नीचे कुत्ते व अन्य पशुओं में छीना झपटी मची हुई थी। उन पशुओं के पास ही एक संत खड़ा था। वह यह सब कुछ देख रहा था। इतने में महल की छत …
Read More »रक्षाबंधन पर चन्द्रग्रहण का क्या रहेगा प्रभाव, जानिए, ज्योतिष शास्त्र की नजर में
भंवरलाल, ज्योतिषी एवं वास्तुविद संस्थापक, जोगणिया धाम, पुष्कर श्रवण मास की पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन पर चन्द्र ग्रहण 7 अगस्त 2017 को होगा। इसका शुरुआती समय रात्रि दस बजकर तिरेपन मिनट रहेगा। अगस्त माह की शुरुआत श्रावण शुक्ल पक्ष नवमी मंगलवार से हुई है। इस बार पूर्णिमा श्रावण शुक्ल सोमवार को …
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