देहरादून। धर्मग्रंथ सभी पंथों के आवश्यक अंग होते हैं लेकिन जब यही धर्मग्रंथ जीर्ण-शीर्ण और जर्जर होने लगते हैं तो इनके निस्तारण की समस्या होने लगती है। लोग इनको नदी में प्रवाह करते हैं लेकिन समय अभाव के कारण लोग अपने धर्म ग्रंथों को नालियों-कचरों में फेंक देते हैं जिससे …
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