हीरे के वहम में व्यक्ति जब कांच के खिलौने ले आता है तो वो बहुत प्रसन्न होता है कि इन को घर में सजाया जायेगा तो उस घर की शोभा बढ जाए। रात के अंधेरे में भी ये जुगनु की तरह दिखते रहेंगे और चमकते रहेंगे। इस उम्मीद में व्यक्ति …
Read More »अदब ना थे उनमें, वो नये रईस थे…
राज नर्तकी ने बडे अदब से राजा को सलाम किया और राज्य में होने वाले सालाना कार्यक्रम में अपना नृत्य प्रस्तुत किया। उसकी भाव भंगिमाएं सुर-ताल के अनुरूप अपना अदब प्रस्तुत कर रहीं थी। राजा को रिझाने वाले उसके प्रदर्शन मे कला थी प्रेम ना था । राजदरबार में बैठी …
Read More »सूरज की रोशनी में वो दीपक भारी था…
सारा खेल देख कर वो दंग रह गया । सारे अस्त्र शस्त्र और शक्ति के वीर सूरमा सब शोर शराबा मचाने में ही रह गए। राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ, नीतिकार, धर्मज्ञ सभी धराशायी हो गए। झूठी आन में वीर निष्ठा की आड़ में रो लिये। कोई भी ऐसा नजर नहीं आया जो …
Read More »काली रातों में बेचैन नेकी का बादशाह…
उसकी हर एक नेकियों का एकमात्र गवाह केवल परमात्मा ही होता था। हर काली आधी रात में वो बैचैन होकर अपने राज्य के प्रमुख स्थानों पर जाकर जमीनी हकीकत को पूरी तरह से जांचता परखता और फिर उसका निदान करने के लिये कठोर और उचित क़दम उठाता था। इतना …
Read More »नकारात्मक शक्ति की हार का पर्व नवरात्रा
संसार में जब नकारात्मक शक्ति का साम्राज्य हो जाता है और सभी ओर हाहाकार मच जाता है क्योकि इन नकारात्मक शक्तियों में सर्वत्र विध्वंस मचाने का ही गुण होता है और कोई भी प्राणी अपनी इच्छा के अनुसार नहीं रह सकता है और चारों तरफ मार काट मच जातीं हैं। …
Read More »आत्मा का प्रत्यारोपण …
वह सभ्यता और संस्कृति काल के गाल में समा गई जहां एक विज्ञान इतना उन्नत था कि दुर्लभ से दुर्लभ कार्य कुछ ही क्षणों में हो जाता था। आज का विज्ञान भले ही लुभावनी कथाएं समझे लेकिन फिर भी उन्हीं कथाओं के आधारभूत सिद्धांतों को मान अपनी परिकल्पना स्थापित …
Read More »जोगणिया धाम पुष्कर में भजन-कीर्तन के साथ बाबा रामदेव भंडारे का समापन
नामदेव न्यूज डॉट कॉम अजमेर। ब्रह्मा जी की नगरी पुष्कर में जोगणिया धाम की तरफ से बाबा रामदेव जातरूओं के लिए संचालित भंडारे का गुरुवार को समापन हुआ। जोगणिया धाम के संस्थापक ज्योतिषाचार्य भंवर लाल ने बाबा रामदेव की पूजा अर्चना कर भंडारे का विधिवत समापन किया। संयोग यह रहा …
Read More »कर्म के सागर में डूबा भाग्य का पारस …
एक बादशाह अपने महल की छत पर खडा होकर रात की बासी रोटियां नीचे फैंक रहा था। नीचे कुत्ते व अन्य पशुओं में छीना झपटी मची हुई थी। उन पशुओं के पास ही एक संत खड़ा था। वह यह सब कुछ देख रहा था। इतने में महल की छत …
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