नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से भारतीय महिला हॉकी टीम भले ही अच्छा प्रदर्शन कर रही हो लेकिन इसके कोच मारिने सोर्ड को लगता है कि टीम के आत्मविश्वास में कमी है और वह इस समस्या का निदान टीम को ‘व्यस्त रखकर’ करने की कोशिश कर रहे हैं।
कोच सोर्ड के मुताबिक ‘मुझे जो समझ में आता है, वह भारतीय लड़कियों में आत्मविश्वास की कमी है। वे मैदान पर उतरने से पहले ही कभी कभार मैच हार जाती हैं। मुझे लगता है कि वे जब ऊंची रैंकिंग की टीम के खिलाफ खेलती हैं तो खुद को छोटा समझती हैं।’
उन्होंने कहा कि वह उन्हें व्यस्त रखना चाहता हैंं और खुद और टीम के बारे में सोचने पर मजबूर कराना चाहता हैंं, अन्य के बारे में नहीं। दूसरों के बारे में सोचने से ध्यान गलत चीजों पर ही जाता है। वह उनके अपने खेल पर ही ध्यान केंद्रित कराना चाहते हैं।
सोर्ड ने पिछले महीने टीम की जिम्मेदारी संभाली और उनके साथ पहले ही टूर्नामेंट में टीम ने हाल में वेस्ट वैंकुवर में हॉकी विश्व लीग के दूसरे दौर का खिताब जीत लिया। इस जीत से टीम को अगले दौर -हॉकी विश्व लीग सेमीफाइनल- में पहुंचने में मदद मिली जो विश्व कप का क्वालीफायर भी है।