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मेपिंग एप तैयार, सूखे, बाढ़ एवं सड़क दुर्घटनाओं से निपटने में मिलेगी मदद

रायसेन। भूकम्प, बाढ़ एवं जिय़ो मेपिंग के लिए मैपकास्ट द्वारा एन्डरॉइड आधारित एप तैयार किया गया है। इससे बहुत कम समय में भूकम्प, बाढ़, सूखे जैसी आपदायें तथा सडक़ एवं रेल दुर्घटनाओं से निपटने में मदद मिलेगी। प्रदेश के सभी जिलों में आपदाओं से निपटने के लिए उस स्थान की भौगोलिक स्थिति मेप पर अंकित की जा सकती है।

मैपकास्ट के महानिदेशक की चन्द्रकांत पाटिल ने बताया कि होमगार्ड और राज्य आपदा आपातकालीन एवं प्रतिक्रिया बल (एस.डी.आई.एफ.) को आपदाओं से निपटने के लिये तकनीकी सहयोग दिया जायेगा। आपदा की सूचना मिलने पर स्टेट सेंटर के मॉनिटर प्रणाली पर इसके संकेत मिलने लगेंगे। इससे आपदा स्थल पर बहुत कम अवधि में राहत की प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी।

आपदा होते ही स्टेट कमांड सेंटर द्वारा उस स्थान के समीपवर्ती सभी सिविल डिफेंस/ स्वयं-सेवकों को एप्लीकेशन द्वारा संदेश भेजकर आपदा स्थल पर पहुँचने का निर्देश दिया जा सकेगा। इस कार्य को पूरा करने के लिए अस्पतालों, एनजीओ सहित विभिन्न संस्थाओं आदि की जियो मैपिंग के लिए एन्डरॉइड मोबाइल आधारित एप तैयार किया गया है, जो जरूरत पडऩे पर स्वयंसेवकों को घटनास्थल पर पहुँचने वाले मार्ग के बारे में बता देगा। भौगोलिक सूचना प्रणाली आधारित इस वेब पोर्टल में छरू माड्यूल तैयार किये गये हैं।

इसकी विशेषता यह है कि किसी भी प्रकार की आपदा की सूचना फोन, एसएमएस, ई-मेल अथवा वेब पोर्टल द्वारा दी जा सकेगी।

राज्य के 28 जिले भूकम्प तीव्रता की दृष्टि से झोन-3 एवं 22 जिले झोन-2 में आते है। पिछले कुछ वर्षों में राज्य के 33 जिले बाढ़ प्रभावित रहे हैं। प्रदेश में बड़ी दुर्घटना जोखिम वाले 20 औद्योगिक जिले हैं। एन्डरॉइड आधारित मोबाइल एप को स्टेट डाटा सेंटर, मैप-आईटी, भोपाल के सर्वर पर स्थापित किया गया है। उपयोगकर्ता विभाग-मध्यप्रदेश होमगार्ड एवं सिविल डिफेंस इस पोर्टल का नाम है। www.homeguard.mp.govt.in इन्टरनेट पर इस वेब पोर्टल पर सरलता से एक्सेस किया जा सकता है। परिषद् ने म.प्र. होमगार्ड प्रणाली से परिचित करवाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है।