न्यूयार्क। लगातार कम हो रहे तेल भंडार को देखते हुए वैज्ञानिक वैकल्पिक ईंधन की खोज में लगे हैं। नित नए विकल्प मिल भी रहे हैं। इसी कड़ी में वैज्ञानिकों को एक और कामयाबी मिली है। इस बार उन्होंने एक चमत्कारिक पाउडर बनाने में सफलता पाई है जो इंसान के पेशाब को हाइड्रोजन ईंधन में बदल देगा।
उन्होंने ऐसा एल्युमिनियम नैनो पाउडर बनाया है जो मूत्र को तुरंत हाइड्रोजन में बदल देगा जिसका इस्तेमाल ईंधन के सेल को ऊर्जा देने और स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराने में किया जा सकता है।
शोधकर्ताओं में भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक भी शामिल हैं। यूएस आर्मी रिसर्च लैबोरेटरी (एआरएल) के वैज्ञानिकों ने पहले घोषणा की थी कि उनका नैनो-गैल्वैनिक एल्युमिनियम पाउडर पानी के संपर्क में आने पर शुद्ध हाइड्रोजन का उत्पादन कर सकता है।
शोधकर्ताओं ने पानी के सम्मिश्रण वाले किसी तरल पदार्थ में अपना पाउडर मिलाकर ऐसी ही रासायनिक क्रिया की। उन्होंने पाया कि इस पाउडर में मूत्र मिलाने से सामान्य जल मिलाने के मुकाबले कहीं अधिक दर से हाइड्रोजन पैदा होती है।
एआरएल शोधकर्ता क्रिस्टोफर डार्लिंग ने बताया कि आर्मी वैज्ञानिक के तौर पर हमारा काम ऐसी सामग्री और तकनीक विकसित करना है जिससे सैनिकों को सीधे लाभ मिलें और उनकी क्षमताएं बढ़ें। हमने एक ऐसी तकनीक विकसित की जो तुरंत पानी से हाइड्रोजन बना देगी। ब्रह्मांड में प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले हाइड्रोजन में ईंधन से चलने वाले सेल को ऊर्जा देने और भविष्य में सैनिकों को ऊर्जा उपलब्ध कराने की क्षमता है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि ईंधन सेल्स बिना प्रदूषण के बिजली उत्पन्न करते हैं। ईंधन सेल्स कमबशन इंजन के मुकाबले ज्यादा ऊर्जा से भरपूर होते हैं और उन्हें ऊर्जा देने में इस्तेमाल किया जाने वाला हाइड्रोजन विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न हो सकता है।