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ड्रोन पहुंचाएगा जल्द से जल्द ब्लड सैंपल, बच सकेगी जान


नई दिल्ली। इंसान की जब तबीयत सीरियस हो तो पल-पल की कीमत होती है। इस दौरान जांचों में लगने वाला वक्त बहुत अखरता है। डॉक्टर सबसे पहले ब्लड टेस्ट कराते हैं। उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही इलाज शुरू हो पाता है। अगर ड्रोन इस मामले में मदद करे तो कैसा रहेगा? वह कम से कम समय में रिपोर्ट कलेक्ट करने में मदद करे तो मरीज की जान बचाई जा सकती है।

 

इसी बात पर ध्यान देते हुए मैरीलैंड की प्राइवेट यूनिवर्सिटी जॉन हापकिन्स के वैज्ञानिकों ने एक ड्रोन तैयार किया है। उन्होंने इस ड्रोन की मदद से कम समय में लैबोरेटरी तक खून पहुंचाकर एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। वैज्ञानिकों ने लैटीट्यूड इंजीनियरिंग HQ-40 ड्रोन से मानव के ब्लड सैंपल्स 259 km/h की स्पीड से अरिजोना के रेगिस्तान में पहुंचा कर एक नई उपलब्धि हासिल की है।


यह है खासियत

वैज्ञानिकों ने इस ड्रोन की मदद से एक साथ 84 सैम्पल्स 122 किलोमीटर की दूरी पर सही-सलामत पहुंचाया है। इस ड्रोन में टैम्परेचर को कंट्रोल करने वाला पेलोड सिस्टम लगा है जो तीन घंटों तक इसे पहुंचाने में खून को खराब नहीं होने देगा। इसके अलावा अन्य सैम्पल्स को ले जाने के लिए इसके साथ अलग से कार लगाई गई है जो एक्टिव कूलिंग सिस्टम से सैंपल्स को 24.8 डिग्री सैल्सियस से 27.3 डिग्री सैल्सियस पर रखने में मदद करती है। इसकी मदद से ले जाए गए 19 सैम्पल्स में से 17 पर सबसे ज्यादा कॉमन कैमिस्ट्री और हीमाटोलॉजी टैस्ट्स किए गए हैं जिनमें बिल्कुल सही रिजल्ट्स प्राप्त हुए हैं।

कम समय में मिलेंगे टैस्ट्स के रिजल्ट्स

HQ-40 ड्रोन का उपयोग उन जगहों पर किया जा सकता है जहां सड़क मार्ग से पहुंचने में काफी समय लगता है। इसके अलावा बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए भी इस तकनीक को काफी उपयोगी कहा जा सकता है। ड्रोन की मदद से मुश्किल समय के चलते कम समय में टैस्ट्स रिजल्ट्स मिल सकेंगे जिससे ज्यादा से ज्यादा जिंदगियां बचाई जा सकेंगी।

डिलीवरी ड्रोन की जरूरत

शहरों में ट्रैफिक को देखते हुए डिलीवरी ड्रोन्स को काफी अहम माना जाने लगा है। इनका सबसे पहले उपयोग अमरीका में फूड यानी खाना डिलीवर करने के लिए 13 मार्च 2015 से शुरू हुआ था और देखते ही देखते बाकी की कम्पनियों ने इस चलन को और आगे बढ़ाने का काम किया।