मुम्बई। व्हाट्सएप ना तो आपसे साल के 65 रुपए फीस मांग रहा है और ना ही टेलीग्राम एप भारतीय है। अगर आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया नारों से सहमत होते हुए भारतीय एप इस्तेमाल करने की सोच रहे हैं तो पहले अपने कई फंडे क्लीयर कर लीजिए।
पहला तो यह कि व्हाट्सएप यूज करने के लिए इसकी मदर कम्पनी फेसबुक आपसे कुछ भी चार्ज नहीं करने वाली है । सोशल मीडिया पर केवल अफवाह उड़ाई जा रही है और व्हाट्सएप की जगह भारतीय एप टेलीग्राम को इंस्टॉल करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
फेसबुक का कहना है कि उन्होंने भारतवासियों से व्हाट्सएप की फीस चार्ज करने का कोई फैसला नहीं किया है। यानी आप इसी तरह व्हाट्सएप फ्री में यूज करते रहिए।
दूसरा फंडा यह कि टेलीग्राम एप भारतीय नहीं है और इसका मोदी के मेक इन इंडिया नारे से कोई लेना-देना नहीं है। इसे इंस्टॉल करने के चक्कर मे कई भारतीय इन दिनों सूतिया बन रहे हैं।
हकीकत तो यह है कि टेलीग्राम एप रूस में जन्मे Pavel and Nikolai Durov brothers की देन है। टेलीग्राम का हैड क्वाटर बर्लिन में है। यहीं नहीं आए तो इंटरनेट पर ढूंढ लीजिए।
तीसरा फंडा यह कि जल्द ही आप पेटीएम को व्हाट्सएप की तरह यूज कर सकेंगे और व्हाट्सएप को पेटीएम की तरह। क्योंकि दोनों ही एक-दूसरे के ग्राहक तोड़ने के लिए कमर कस चुकी है।
पेटीएम भारतीय एप है और व्हाट्सऐप को टक्कर देने के लिए मैसेजिंग सर्विस ला रही है। इस सर्विस को अगस्त आखिर तक लॉन्च किया जाएगा। कंपनी अपने मौजूदा एप पर इस नए फीचर को एड करेगी। इसके बाद पेटीएम यूजर्स आपस मे चैट, ऑडियो, पिक्चर और वीडियो शेयर कर सकेंगे।
इसी तरह व्हाट्सएप डिजिटल पेमेंट मार्केट में उतरने की प्लानिंग में जुटा है। नोटबंदी के बाद भारत में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिला है। पेटीएम ने इस दिशा में अग्रणीय भूमिका निभाई है। इसी को देखते हुए व्हाट्सऐप भी इस डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में उतर रहा है।
पेटीएम के इस वक्त 23 करोड़ यूजर्स हैं और मैसेजिंग सर्विस के शुरू होती ही यह व्हाट्सऐप से बड़ा ऐप बन जाएगा। इसी तरह व्हाट्सएप के दुनियाभर में 1 अरब से ज्यादा यूजर्स हैं। भारत में फरवरी तक इसके 20 करोड़ एक्टिव यूजर्स थे। व्हाट्सएप ने डिजिटल पेमेंट की सुविधा शुरू कर दी तो पेटीएम को झटका लगना तय है।