सफेद रंग कितना किफायती होता है, यह सभी जानते हैं। बड़े-बड़े हवाई जहाज भी सफेद रंग के ही होते हैं। ऐसा नहीं है कि उन्हें रंग-बिरंगा नहीं बनाया जा सकता। कंपनियां उन्हें मनचाहे रंग का बनवा सकती हैं, लेकिन नुकसान ज्यादा है।
उड्डयन विशेषज्ञों ने बहुत सोच -समझकर ही प्लेन को सफेद रखने की परम्परा कायम कर रखी है।
जानिए, प्लेन को सफेद रखने के कारण और फायदे
-सफेद रंग दूसरे गहरे रंगों की तुलना में ऊष्पा कम ग्रहण करता है। लिहाजा हवाई जहाज को ठंडा रखने के लिए भी सफेद रंग का इस्तेमाल किया जाता है।
-अगर प्लेन में कोई खराबी जैसे क्रेक्स, तेल रिसना आदि हो गई हो तो सफेद रंग में आसानी से दिख जाती हैं। इसलिए इसे सफेद ही रखा जाता है।
-सफेद रंग हल्का होता है। अगर हवाई जहाज में सफेद के बदले किसी और रंग का उपयोग किया जाए तो कलर के कारण प्लेन का वजन भी काफी बढ़ जाता है। इस वजह से ईंधन की खपत भी काफी बढ़ जाती है, जबकि सफेद रंग के हल्का होने से ईंधन की खपत में कमी आती है। इससे कंपनियों के खर्च में भी कमी आती है।
-सभी गहरे रंग धूप में धीरे-धीरे फेड हो जाते हैं। इसके विपरित व्हाइट कलर यथावत रहता है। चूंकि प्लेन तेज धूप में अधिक ऊंचाई पर उड़ते हैं, इसलिए उन तक सूर्य की किरणें ज्यादा पहुंचती हैं। सफे द रंग होने के कारण विमान का रंग फेड नहीं होता है।
-एक हवाई जहाज को पेंट करने में करीब 3 लाख से 1 करोड़ तक का खर्च आता है। हवाई जहाज को बार-बार पेंट करवाना कंपनियों के लिए खर्चीला साबित होता है। ऐसे में वह ऐसा कलर चाहती हैं जो ज्यादा टिकाऊ हो। सफेद रंग का इस दृष्टि से कोई मुकाबला नहीं है।