कोटा। राजस्थान में कोटा के जे के लोन चिकित्सालय में शिशुओं की मौत के मामले को लेकर राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डॉक्टर रघु शर्मा और कोटा के प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को कोटा के जेके लोन अस्पताल पहुंचने पर भारी विरोध का सामना करना पड़ा।
दोनों मंत्री अपरान्ह करीब तीन बहजे कोटा पहुंचे और जेके लोन अस्पताल गए जहां पहले से मौजूद भारतीय युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान मोर्चा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प भी हुई और कुछ कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया।
देखें वीडियो
इससे पहले मंत्रियों के विरोध की आशंका के चलते अस्पताल के इर्द गिर्द भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। यहां कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ता काफी संख्या में मौजूद थे। पुलिस ने टकराव रोकने के लिए कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया।
दूसरी ओर राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ममता शर्मा भी शुक्रवार को स्थिति का जायजा लेने जेके लोन अस्पताल में पहुंचीं। वहां पहले से मौजूद कांग्रेस समर्थकों ने नारेबाजी करते हुए उन्हें अस्पताल में जाने नहीं दिया। उन्हें पुलिस-प्रशासन और अस्पताल प्रशासन ने भी अंदर जाने की इजाजत नहीं दी। लिहाजा उन्हें बिना जायजा लिए लौटना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि कोटा के जेके लोन अस्पताल में 34 दिन में 106 बच्चों की मौत हो चुकी है। दोपहर में चिकित्सा मंत्री डा रघु शर्मा के अस्पताल के दौरे से पहले अस्पताल परिसर में हरी कारपेट बिछाने से विवाद खड़ा हो गया। इस पर अस्पताल प्रशासन ने तुरंत कारपेट हटवा दिया। बच्चों की मौत का मुद्दा देशभर में चर्चा का विषय बन गया है।
अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से हुई बच्चों की मौतें
राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियासने कोटा के जेके लोन सरकारी अस्पताल में 100 से अधिक बच्चों की मौत पर अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। खाचरियावास ने शुक्रवार को कोटा में जेके लोन अस्पताल का दौरा करने के बाद पत्रकारों से कहा कि बच्चों के इलाज की जिम्मेदारी अस्पताल प्रशासन, डॉक्टरों और नर्सों की थी।
अस्पताल प्रशासन के पास धन की कोई कमी नहीं है। इनके पास छह करोड़ से ज्यादा रुपये हैं। उन्होंने कहा कि अगर अस्पताल में उपकरणों की कमी थी तो प्रशासन को खरीदना चाहिए था। इतने उपकरणों की तो जरूरत भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाएं काफी बेहतर हैं। यहां की चिकित्सा व्यवस्था का विश्व के कई देशों में अध्ययन किया जा रहा है, लिहाजा हमारी नीयत पर संदेह नहीं किया जा सकता। राज्य में सरकारी अस्पतालों में दवाईयां निशुल्क हैं। साथ ही मोहल्ला क्लिनिक में भी सभी सुविधाएं मुफ्त हैं। खाचरियावास ने कहा कि हमारी सरकार ने निरोगी राजस्थान का नारा दिया है और जल्द ही हम स्वास्थ्य का अधिकार कानून लागू करने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जेके लोन अस्पताल प्रशासन को अस्पताल में कमियां दूर करने के निर्देश दे दिए गए हैं। बच्चों की मौत के मामले में दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार अस्पताल की कमियां दुरुस्त करने का पूरा प्रयास कर रही है।
उधर बच्चों की मौतों पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राजस्थान सरकार को नोटिस भेजा है। आयोग ने नोटिस में चार सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।