अजमेर। राजस्थान की सबसे बड़ी राजस्व अदालत में घूसखोरी का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। अपनी जमीन को बचाने के लिए गरीब काश्तकार जैसे-तैसे केस लड़ते हैं और आखिर में फैसला बदल दिया जाता है। नोटों की गड्डी के आगे न्याय अन्याय में बदल जाता है। हजारों-लाखों रुपए तनख्वाह लेने वालों की इससे भूख नहीं मिटती तो वे गरीब किसानों-पक्षकारों का हक भी खा रहे हैं।
एंटी करप्शन ब्यूरो ने राजस्व मंडल राजस्थान के दो सदस्यों आरसी मेहरडा, सुनील शर्मा समेत एक दलाल एडवोकेट शशिकांत जोशी के खिलाफ बडी कार्रवाई करते हुए लाखों रुपए नकद बरामदगी की गई।
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भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अनुसार छापे की यह कार्रवाई जयपुर और अजमेर में अंजाम दी गई। दोनों मेंबर पर फैसले पलटने की एवज में घूस लेने के मामले में निगाह रखी जा रही थी। शनिवार शाम पहले जयपुर और उसके बाद अजमेर में दलाल एडवोकेट के निवास पर कार्रवाई की गई।
तीनों की जयपुर में गिफ्तारी के बाद रेवेन्यू बोर्ड स्थित मेंबर्स और बोर्ड अध्यक्ष के कार्यालय कक्ष को रात में ही सीज कर दिया गया। बरामद नकदी को गिना जा रहा है। एक सदस्य और दलाल के घर से 40-40 लाख नकद मिले हैं। नोट गिनने की मशीन भी मिली है। इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि यहां कितने बड़े पैमाने पर घूसखोरी चल रही है।