Breaking News
Home / breaking / VIDEO : ठाकुरजी खुद सिंहासन से उठे और नंगे पैर ही द्वार तक दौड़े चले आए

VIDEO : ठाकुरजी खुद सिंहासन से उठे और नंगे पैर ही द्वार तक दौड़े चले आए

अजमेर। दीन हीन सुदामा जब कृष्ण के राजमहल पधारे तो ठाकुरजी खुद सिंहासन से उठे और नंगे पैर ही द्वार तक दौडे चले आए। बरसों बाद अपने बाल सखा को देख ठाकुरजी प्रफुल्लित हो उठे। मित्र सुदामा को अपने सिंहासन पर विराजमान कर द्वारकाधीश उनके चरण पखारने लगे।

परम भक्त सुदामा से मिलन के समय ठाकुरजी के आंखों से खुशी के मारे अश्रृधार बह निकली। सुदामा का ठाकुरजी के प्रति निश्चल प्रेम और ठाकुरजी की अपने बाल सखा के प्रति आत्मियता के इस नजारे को देख श्रीमद् भागवत कथा में उपस्थित दर्शकों की आंखें भर आईं। लाड़ली घर की दृष्टिबाधित कन्याओं ने भगवान कृष्ण, रुक्मणि व सुदामा के स्वरूप में द्वारका नगरी की सुंदर झलकी प्रस्तुत की।

 

दृष्टि बाधित कन्याओं के कल्याणार्थ शास्त्री नगर के भक्त प्रहलाद पार्क में चल रही कथा के अंतिम दिन राष्ट्रसंत डॉ कृष्णानंद गुरुदेव ने भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता के पीछे छिपे भावार्थ का वर्णन करते हुए कहा कि द्वारकाधीश कृष्ण ने तो अपने परम भक्त और बाल सखा के भक्ति भाव और प्रेम के आगे महज दो मुट्ठी चावल के बदले दो लोक समर्पित कर दिए।

उन्होंने कहा कि यह मानव शरीर ही द्वारकापुरी है जिसमें आत्मा रूपी भगवान कृष्ण वास करते हैं, देह द्वार है, कृष्ण आत्मा हैं, जब सुदामा बनकर अपने अंदर बैठे आत्मा रूपी कृष्ण का ध्यान करोगे तो जीव ब्रह्ममय हो जाएगा। संसार की मोह माया को त्याग सुदामा बनकर ही कृष्ण को पाया जा सकता है। मन और आचरण में सदैव प्रभु का ज्ञान करवाना ही श्रीमद भागवत कथा का मूल उद्देश्य है। घट घट में प्रभु का वास है अर्थात खुद को जान लोगे तो समझों परमात्मा को पा लिया। प्रेम के वशीज्ञूत होकर जब आत्मा नाचती है तो परमात्मा मिलता है, शरीर के नाचने से ठाकुरजी नहीं मिलते। इसलिए ज्ञान के साथ भक्ति जरूरी है।

कथावाचक नीना शर्मा (दीदी) ने कहा कि आप चाहे जितनी उपाधियां, उपलब्धियां पा लें, चाहे कितनी भी किताबे पढ़ लें, चाहे कितना भी इंटरनेट खोज लें, लेकिन गुरु का सान्निध्य जीवन में बहुत जरूरी है। शिक्षा के साथ गुरु दीक्षा भी बहुत जरूरी है। जैसा संग करोगे वैसा ही सत्संग मिलेगा। उन्होंने भौमासुर वध और 16 हजार बंदी कन्याओं को मुक्त कराकर उन्हें अपनाने का वृतांत सुनाया।

कथा के समापन अवसर पर पधारे मुख्य अतिथि विधायक वासुदेव देवनानी, बीजेपी शहर अध्यक्ष शिवशंकर हेडा, पुष्कर से पधार कथावाचक पंडित रूपचंद पाराशर, जय अंबे सेवा समिति के महासचिव संदीप गौड तथा भामाशाहों का लाडली घर की ओर से पीताम्बरी पहनाकर बहुमान किया गया। अंत में दृष्टिबाधित छात्राओं ने भजन की प्रस्तुति दी।

राम नाम महामंत्रों की परिक्रमा को उमडा सैलाब

देखें वीडियो

श्रीमद् भागवत कथा के साथ आयोजित हस्तलिखित श्रीराम नाम महामंत्रों की परिक्रमा करने वालों का बुधवार को भी तांता लगा रहा। देशभर से श्रीराम नाम धन संग्रह बैंक अजमेर द्वारा संकलित लगभग 60 अरब हस्तलिखित श्रीराम नाम महामंत्रों में से आंशिक राम नाम महामंत्रों को पार्क में परिक्रमा के निमित्त रखा गया है। राम नाम लेखन तथा रिक्त पुस्तिकाओं के बारे में अधिक जानकारी के लिए व्यवस्थापक न्यासी बालकृष्ण पुरोहित से 9414002930 नम्बर पर संपर्क किया जा सकता है।

इतना ही नहीं, इस कार्रवाई के अलावा 150 से ज्यादा अधिकारी अब भी सरकार के रडार पर हैं। गृह विभाग में सबसे ज्यादा 51 लोगों को जबरन रिटायर किए गए थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुस्त कर्मचारियों और अधिकारियों को उम्र से पहले रिटायर करने का एलान जुलाई में किया था। सरकार ने 50 साल की उम्र में ही सुस्त अधिकारियों को रिटायरमेंट देने का फैसला किया था।

केंद्र की मोदी सरकार भी लापरवाह अफसरों कर रही है रिटायर

केंद्र की मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में लापरवाह अफसरों सचिव हो या विशेष सचिव सभी को लेकर गंभीर है।अभी कुछ दिनों पहले मोदी सरकार ने वित्त मंत्रालय से कई अफसरों को जबरन रिटायर किया था। ऐसे ही कई मंत्रालयों से लापरवाह अफसरों को हटाया जा चुका है। केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले तीन साल में कई अधिकारियों को कंपलसरी रिटायरमेंट दिया है। करीब आधा दर्जन आईएएस अधिकारियों को केंद्र सरकार रिटायरमेंट दे चुकी है।

Check Also

21 नवम्बर गुरुवार को आपके भाग्य में क्या होगा बदलाव, पढ़ें आज का राशिफल

    मार्गशीर्ष मास, कृष्ण पक्ष, षष्ठी तिथि, वार गुरुवार, सम्वत 2081, हेमंत ऋतु, रवि …