अजमेर। राजस्थान में अजमेर स्थित ऐतिहासिक आनासागर झील से बुधवार को मानसून पूर्व ही पानी की निकासी का काम शुरू कर दिया गया। यह पहला मौका है जब मानसून बारिश से पहले ही झील से पानी छोडा जा रहा है। खास बात यह है कि इस झील को जितना खाली करो कुछ ही दिन में उतनी वापस भर जाती है।
दरअसल, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से झील में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। इसके अलावा शहर के कई नालों से इसमें पानी आ रहा है। ऐसा भी हुआ कि अस्सी के दशक पहले आनासागर पूरी तरह सूख गया था। अब हालात दूसरे हैं। झील में पानी की कोई कमी नहीं है। नौबत यह है कि हर मानसून में इसके गेट खोलने पड़ते हैं। पिछले मानसून में तो लगभग डेढ़ महीने तक लगातार इसके गेट खोलकर पानी की निकासी करनी पड़ी।
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इस बार भी कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा के आदेश पर सिंचाई विभाग ने आनासागर बारादरी स्थित पानी निकासी के लिए दो चैनल गेट खोल दिए जिसके माध्यम से एक पखवाड़े में धीरे धीरे 70 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी की निकासी की जाएगी। चैनल गेट खोलने से पूर्व 16 फीट भराव क्षमता वाले आनासागर में 13 फीट पानी होने से आनासागर लबालब भरा नजर आता है लेकिन दो फीट निकासी के बाद इसमें ग्यारह फीट पानी का स्तर बनाए रखा जाएगा।
सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता ने बताया कि मानसून की बरसात ने आनासागर में पानी की व्यापक आवक की संभावना के मद्देनजर प्रशासनिक सहमति से उक्त कदम उठाया गया है क्योंकि आनासागर पूरा भर जाने पर जब स्वभाविक रूप से पानी की निकासी होती है तो शहर की निचली बस्तियां जलमग्न हो जाती है जिससे जानमाल की आशंका रहती है। इससे बचने के लिए ही आज पानी निकासी का ऐतिहातन कदम उठाना पड़ा।