अजमेर। एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में सोमवार को आहूत अजमेर बन्द के दौरान पुलिस पर हमले के बाद उपद्रवियों की शामत आ गई। पुलिस ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। साथ ही प्रदर्शनकारियों की अगुवाई कर रहे पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार जयपाल और अन्य दलित नेताओं को घर मे घुसकर गिरफ्तार कर लिया।
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हुआ यूं कि शहर बन्द करने निकले दलित संगठनों के कार्यकर्ता हिंसक हो उठे। उन्होंने पुलिस बल भी हमला कर दिया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज कर दिया। इससे करीब आधा घण्टे तक कलेक्ट्रेट के आसपास अफरा-तफरी का माहौल रहा।
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कलेक्ट्रेट के पास स्थित पूर्व विधायक एवं कांग्रेस नेता डॉ.जयपाल के आवास के बाहर से कार्यकर्ताओं की टोलियां हाथों में लाठियां-बांस बल्लियां आदि लेकर शहर बन्द कराने निकल पड़ीं। बताया जाता है कि जयपुर रोड पर भुनाबाय में कार्यकर्ता हिंसक हो गए। उन्होंने कुछ दुकानों में तोड़फोड़ और दुकानदारों पर हमला कर दिया। इससे तनाव की स्थिति पैदा हो गई। सूचना मिलने पर कलेक्ट्रेट से पुलिस बल भुनाबाय रवाना हुआ।
इधर, बन्द समर्थक कलेक्ट्रेट आ पहुंचे। उन्होंने हाथों में लाठियां लेकर कलेक्ट्रेट को घेर लिया और प्रदर्शन करने लगे। कुछ कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर हमला कर दिया। इतने में ही भुनाबाय से पुलिस बल कलेक्ट्रेट आ पहुंचा।
पुलिस ने हिंसक कार्यकर्ताओं पर लाठियां भांजना शुरू किया तो भगदड़ मच गई। लाठीचार्ज की चपेट में कई मीडिया कर्मी भी आ गए। कार्यकर्ता ज्योतिबा फुले सर्किल की तरफ भागे। कुछ में डॉ.जयपाल के आवास में घुसकर जान बचाई तो कुछ खादिम ट्यूरिस्ट बंगलो में घुस गए। उनके पीछे-पीछे पुलिस भी पहुंच गई और लाठियों से पीटते हुए उन्हें बाहर लेकर आई।
डॉ. जयपाल के घर पर प्रदर्शनकारियों के लिए भोजन की व्यवस्था थी। हलवाई ने सब्जी-पूड़ी बना रखी थी। यहां टेंट लगाकर नेताओं के बैठने की व्यवस्था भी थी। इतने में पुलिस पहुंची और डॉ.जयपाल समेत अन्य दलित नेताओं को धकियाते हुए बाहर लेकर आई और अरेस्ट कर लिया। पूर्व महापौर कमल बाकोलिया, पूर्व पार्षद विजय नागौरा, जितेंद्र खेतावत समेत 17 नेताओं को गिरफ्तार कर सिविल लाइंस थाने ले जाया गया।
यहां थोड़ी ही देर में कांग्रेस शहर अध्यक्ष विजय जैन, एडवोकेट विवेक पाराशर, वैभव जैन आदि पहुंच गए। उन्होंने पुलिस पर दजनीतिक दुर्भावना का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी का विरोध किया। पुलिस ने उन्हें बताया कि इन नेताओं को जनता को भड़काने, पुलिस पर हमले के लिए उकसाने के आरोप में पकड़ा है। बाद में देर शाम इन नेताओं को जमानत मुचलकों पर रिहा किया गया।