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12 साल बाद दुर्लभ योग के बीच कल मनेगी करवा चौथ

अजमेर/जयपुर। इस बार करवा चौथ पर्व कई शुभ योगों के बीच मनेगा। इस दिन चंद्रोदय रात 8.32 बजे होगा। चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र और अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेगा। बृहस्पति सिंह राशि में रहेंगे और दिन शुक्रवार रहेगा। इन सभी योगों का संयोग 12 वर्ष बाद हो रहा है जो इस दिन की शुभता में वृद्धिकारी रहेगा।

करवा चौथ को लेकर महिलाओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है। बाजारों में काफी रौनक है। शुक्रवार को करवा चौथ का व्रत है। महिलाएं पति की दीर्घायु की कामना को लेकर व्रत रखेंगी। जिसकी तैयारियों में महिलाएं पिछले कई दिनों से जुटी हैं। ज्वैलरी की दुकानों से लेकर ब्यूटी पार्लरों व मेहंदी रचाने वाले लोगों के यहां महिलाओं की काफी भीड़ देखी जा रही है।

कई ब्यूटी पार्लर में तो एडवांस बुकिंग तक हुई है। करवा चौथ को लेकर गुरुवार को अजमेर के चूड़ी बाजार में चूडिय़ों की दुकानों पर महिलाओं की काफी भीड़ दिखाई दीं। महिलाओं ने रंग-बिरंगी चूडिय़ों से अपनी कलाइयां सजाईं।

नया बाजार व पुरानी मंडी में साड़ी की दुकानों पर महिलाओं की भीड़ रही। ज्वैलर्स और फैंसी स्टोर की दुकानों पर भी महिलाओं की भीड़ रही। सुहाग की सामग्री के साथ बाजार में करवा व पूजन सामग्री की खरीदारी की जा रही है।

यह एक ऐसा त्योहार है जिसका विवाहिताएं बेसब्री से इंतजार करती हैं। करवा चौथ व्रत विशेष रूप से पति पत्नी के बीच आपसी रिश्तों को मजबूत करने वाला पर्व है।

इस दिन महिलाएं दुल्हन की तरह सजकर अपने व्रत को विधि विधान से कथा करती हैं। इस दौरान वह भगवान शंकर व पार्वती की कहानी भी सुनती हैं।

कार्तिक का पहला त्योहार
कार्तिक मास के तहत यह पहला त्योहार है, इसके बाद त्योहारों की शुरुआत हो जाती है जो भैया दूज तक बनी रहती है। शुक्रवार शाम को एक घंटे पूजन का श्रेेष्ठ मुहूर्त है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति के प्रति प्रेम और समर्पण प्रदर्शित करने और लंबी उम्र की कामना करने के लिए पूरे दिन निर्जल रहकर उपवास रखेंगी और शाम को चांद दर्शन बाद व्रत खोलेंगी।

खूब बिक रहे करवा
शाम के समय चंद्रमा की पूजा करने का विधान है। इस पूजा के लिए मिट्टी के करवे और छलनी का विशेष महत्व होता है। बाजार में बड़ी मात्रा में करवे बिकने के लिए आए हैं।