जयपुर। देशभर में गौ हत्या को लेकर बढ़ रहे तनाव के बीच बुधवार को राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर ने अहम निर्देश दिए हैं।
सरकारी हिंगोनिया गौ शाला में गायों की बेकद्री से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को सलाह दी कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए और गौहत्या करने वालों के लिए सजा और सख्त की जाए। कोर्ट ने सलाह दी कि ऐसे अपराधियों को उम्र कैद की सजा दी जाए। फिलहाल यह सजा तीन साल की है।
गौशाला में लगाए जाएं पौधे
मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जज महेश चंद्र शर्मा ने वन विभाग को गौशाला में हर साल में 5000 पौधे लगाने का आदेश भी दिया। ताकि पेड़ों की छांव में गायों की राहत मिल सके।
मालूम हो कि जज महेश चंद्र शर्मा इसी महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनका यह आदेश गायों को नया जीवन देगा।
हर तीन माह में रिपोर्ट दें
एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) व एडीजी (एडिशनल डायरेक्टर जनरल) को कोर्ट ने आदेश दिया कि हर तीन माह में गौशालाओं की रिपोर्ट तैयार करें और यूडीएच सचिव और नगरपालिका आयुक्त को हर महीने एक बार वहां का दौरा करने का आदेश दिया है।
यह है मामला
मालूम हो कि पिछले साल जयपुर स्थित हिंगोनिया गौशाला में हजारों गायों की मौत हो गई थी। साथ ही मौत का सिलसिला नहीं थमा रहा था। हिन्दू और हिंदुत्व की बातें करने वाली बीजेपी के राज में गायों की बेकद्री और मौतों को लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
इस पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की नींद खुली और उन्होंने गौशाला पर रिपोर्ट मांगी।
रिपोर्ट में अधिकारियों ने सफाई दी कि कुपोषण के कारण गायें पहले से बीमार थीं। मालूम हो कि इस गौशाला में 8,000 से अधिक गायें हैं जिनके लिए 14 पशु चिकित्सक व 200 अन्य स्टाफ हैं।
इससे पहले
पिछले साल दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार अगर इसके लिए कानून लाती है तो वह उसका समर्थन करेंगे, क्योंकि जमीयत उलेमा ए हिंद गोहत्या का विरोधी है।
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