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हमारे बुलडोजर बेबस क्यों …?

सन्तोष खाचरियावास @अजमेर

देशभर में एक ही दिन में बुलडोजर की जय जयकार होने लगी है। चुनाव नतीजे आते ही यूपी का बुलडोजर अजमेर में भी हीरो बन गया। गांधी भवन चौराहे पर बीजेपी के बड़े किसी छोटे बच्चे की मानिंद हाथों में खिलौना बुलडोजर लेकर मचलते देखे गए। खिलौने के साथ फख्र से फोटो भी खिंचवा रहे थे। इसी बुलडोजर के बूते योगी ने दुबारा सत्ता का सतोलिया खड़ा जो किया है।
यहां के भाजपाई वाकई भोले हैं… असल बुलडोजर की जगह खिलौने से मन बहला रहे हैं। नगर निगम में भाजपा बोर्ड है… निगम के बाड़े में कई असली बुलडोजर भी बंधे हैं मगर चलाना उन्हें नहीं आता। शहर में जगह-जगह नाजायज निर्माण हो चुके हैं… कई जगह हो भी रहे हैं लेकिन भाजपा बोर्ड के बुलडोजर ‘बंधी’ से छूट नहीं पा रहे हैं। खुद यहां बुलडोजर की ताकत दिखाने की बजाय सिर्फ योगी के एक्शन पर तालियां बजा रहे हैं। इस ताली से तत्कालीन आनन्द तो मिल गया लेकिन खुद क्या योगी जैसी दिलेरी दिखा पा रहे हैं ????
नगर निगम में रोज अवैध निर्माण की शिकायतें पहुंचती हैं, लेकिन अफसरों ने कानों में ऐसा ग्रीस डाल रखा है कि उन्हें कुछ भी सुनाई नहीं देता। शिकायत करने वाले बेचारे खुद बुड़बक बनकर रह जाते हैं और उधर अवैध निर्माण कार्य पूरा हो चुका होता है।
हां, दिखवाते हैं… टीम भेज रहे हैं… लिखित शिकायत तो मिली नहीं…शिकायत-सूचना देने वालों को ऐसे झांसों-दिलासों से बहलाया जा रहा है। एक सप्ताह पहले रामगंज से भी ऐसे ही एक अवैध निर्माण कार्य की शिकायत नगर निगम पहुंची। समाचार पत्रों में भी खबर छपी लेकिन नगर निगम के बुलडोजर अनपढ़ निकले। ऑन रिकॉर्ड अब तक कोई कारिंदा मौके पर कार्रवाई करने नहीं पहुंचा है। ऑफ रिकॉर्ड कोई पहुंचा हो तो पता नहीं।
वैसे सबको पता है कि किसी घर के बाहर बजरी-मलबा डलते ही निगम के खोजी दस्ते पहुंच जाते हैं। यहां कौन आया, क्या ले गया, यह भी पता नहीं।
उधर, मोटी तनख्वाह और सरकारी गाड़ियां मिलने के बावजूद अफसरों की गाड़ी में इतना भी तेल नहीं बचता कि मौके पर जाकर शिकायत को परख सकें? हाल यह है कि पड़े-खड़े बुलडोजर जंग खा रहे हैं और बाकी लोग मलाई !!