राजसमंद. राजसमंद जिले में बड़ी संख्या में अवैध हथियार (Illegal Weapon) आ रहे हैं. राजसमंद पुलिस ने बीते एक महीने में लगातार कार्रवाइयां कर बड़ी संख्या में अवैध हथियार बरामद कर जब्त किए हैं. पुलिस ने इस अवधि में 18 पिस्टल बरामद, 23 कारतूस किये जब्त किए हैं. राजसमंद पुलिस की 1 महीने में अवैध हथियारों के खिलाफ यह सबसे बड़ी कार्रवाई है. हथियारों के साथ जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया वे सभी सक्रिय अपराधी हैं. पुलिस उनके अपराधों की कुंडली बनाने में जुटी है.
दरअसल राजस्थान पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर 1 मार्च से 31 मार्च तक प्रदेशभर में अवैध हथियारों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाया गया था. इस अभियान में राजसमंद पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी के नेतृत्व में पुलिस ने विभिन्न थाना इलाकों में पुलिस ने 1 महीने में 18 फायर आर्म्स जब्त किए हैं. इसके साथ ही 23 कारतूस भी बरामद किए हैं. पुलिस ने अवैध हथियार के 30 प्रकरण भी दर्ज किए हैं.
केलवा थाना इलाके में 12 पिस्टल बरामद किए गए
जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि पुलिस मुख्यालय से मिले निर्देश के बाद जिले में लगातार बढ़ते अपराधों की रोकथाम को लेकर पुलिस ने अवैध हथियारों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाया. इसके तहत राजसमंद के केलवा थाना इलाके में 12 पिस्टल बरामद कर जब्त किए गए हैं. वहीं रेलमगरा इलाके में 3 पिस्टल, कुंवारिया थाना इलाके में 1 पिस्टल और 11 कारतूस बरामद किए गए.
अपराधी स्थानीय गैंग से जुड़े हैं
इनके अलावा कांकरोली थाना इलाके में 1 पिस्टल और राजनगर थाना इलाके में भी 1 पिस्टल बरामद की गई है. अवैध हथियारों को बरामद करने के साथ ही इन मामलों में 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. एसपी जोशी ने बताया कि पुलिस ने अवैध हथियारों के साथ जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है उनमें से अधिकांश शातिर अपराधी है और आपराधिक वारदातों में लिप्त हैं. अधिकांश अपराधी स्थानीय गैंग से जुड़े हैं. पुलिस ने सभी अपराधियों की पूरी आपराधिक कुंडली तैयार कर रही है.
कुछ अपराधी सोशल मीडिया पर भी हथियारों की नुमाइश करते हैं
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कुछ अपराधी सोशल मीडिया पर भी हथियारों की नुमाइश करते हैं. उनको देखकर युवा पीढ़ी उनकी और आकर्षित होती है और अपराध की राह पकड़ती है. ऐसे में युवाओं की मानसिकता को बदलने के लिए पुलिस विशेष तौर पर कार्य कर रही है. उन्होंने युवाओं से अपील की है वे सोशल मीडिया पर गैंगस्टर को फॉलो करना छोड़ दें. गैंगस्टर्स को फॉलो करने वाले युवाओं पर भी पुलिस की विशेष नजर है.