जयपुर। प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी और सशक्त लोकायुक्त की मांग लेकर अनशन कर प्राण त्यागने वाले पूर्व विधायक गुरुशरण छाबड़ा की कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाएगी। वे तो इस दुनिया से रुखसत हो गए लेकिन अब उनका परिवार इस आंदोलन को आगे बढ़ाएगा। उनका परिवार मुख्यमंत्री निवास के बाहर अनशन करेगा।
शुक्रवार को किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान छाबड़ा की पुत्रवधू पूजा छाबड़ा के हाथ में चोट आई है, जिससे कारण उनके हाथ सूझ गया है और उस पर पर पट्टा भी बंधवाया गया है। छाबड़ा के पुत्रवधु ने कहा कि उन्होंने भी देहदान का संकल्प पत्र भर दिया है और अब वह भी अपने पति और परिजन के साथ मुख्यमंत्री आवास के बाहर भूख हड़ताल पर बैठेगी।
पूजा ने बताया कि सरकार गुरुशरण छाबड़ा की मौत के बाद भी उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है और पुलिस के माध्यम से उनको पिटवा रही है, जो कि गलत है।
सामाजिक संगठनों का मिला साथ
प्रदेशभर के सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार छाबड़ा के परिवार के साथ गलत कर रही है। अब विरोध प्रदर्शन तेज किया जाएगा और पूर्ण शराब बंदी व सशक्त लोकायुक्त लागू नहीं किए जाने तक राजस्थान में विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
पूर्व विधायक छाबड़ा के परिजन ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से छाबड़ा को शहीद का दर्ज देने की मांग की। छाबड़ा के पुत्र गौरव छाबड़ा ने बताया कि उनके पिता प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी और सशक्त लोकायुक्त की मांग को लेकर कई बार अनशन पर बैठे और इसी के चलते उनकी मौत हो गई। ऐसे में उन्हें भी सरकार की ओर से शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि 33 दिनों तक अनशन करने के बाद पूर्व विधायक छाबड़ा ने दम तोड़ दिया था। इस पर राज्य सरकार की सभी तरफ थू-थू हो रही है। हर तरफ आलोचनाओं से घिरीं मुख्यमंत्री राजे शुक्रवार को छाबड़ा को श्रद्धांजलि देने उनके घर गई थीं।