यह थी वारदात
अजमेर के क्रिश्चियन गंज थानाधिकारी करण सिंह खंगारोत ने थाने में दी रिपोर्ट में बताया था कि गत 26 जनवरी को ड्राई डे होने के कारण बिना वर्दी के साईकिल पर सवार होकर शाम को गश्त के लिए निकला. गश्त के दौरान स्टीफन चौराहा, पंचशील, आईनोक्स मॉल होता हुआ भैरूबाडा चौराहा की तरफ पहुंचा. पृथ्वीराज नगर की तरफ गश्त करते हुए सतगुरु इंटरनेशनल स्कूल से थोड़ा आगे पहुंचा तो वहां सूनसान सड़क पर सफेद रंग की स्विफ्ट डिजायर गाड़ी में एक लड़का और एक लड़की शराब का सेवन करते हुए बैठे नजर आए.
संदिग्ध नजर आने पर गाड़ी के पास गया तो गाड़ी में से शराब की बदबू आई. नाम पता पूछा तो वह तेज आवाज में बोला कि आप कौन होते हो मुझसे नाम पता पूछने वाले. उसे पहचान बताई कि क्रिश्चयनगंज थाने का सीआई करण सिंह खंगारोत हूं. इतने में उस व्यक्ति ने तेज आवाज में गाली निकालते हुए धमकी दी कि तेरे जैसे बहुत सीआई देखे हैं. तू मुझे जानता नहीं है. मेरा नाम प्रवीण नाथावत है.
उसे बताया कि 26 जनवरी को शराब प्रतिबंधित है तो धमकियां देने लगा. गाड़ी तेज चलाकर साईकिल को टक्कर मारते हुए भाग गया. इसके बाद नरेंद्र सिंह हैड कांस्टेबल को फोन कर मामले की जानकारी दी और पुलिस टीम को मौके पर बुलाया. तभी प्रवीण भी कार में बैठी लड़की को छोड़कर वापस आ गया और कार से उतरकर गाली-गलौच और मारपीट करने लगा. पुलिस टीम वहां पहुंची तो आरोपी युवक मौके से फरार हो गया.
आईजी के आदेश पर केस
मामला सामने आने के बाद आईजी रूपिंदर सिंह ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए. 29 जनवरी की रात पुलिस ने आरोपी प्रवीण सिंह नाथावत के खिलाफ जानलेवा हमला करने, लोक सेवक से मारपीट करने और राजकार्य में बाधा डालने के आरोप में केस दर्ज कर जांच शुरू की. थाने की एसआई पारुल यादव ने यह केस दर्ज किया. अब इस मामले की जांच एडिशनल एसपी भंवर रणधीर सिंह कर रहे हैं.
शादी रचाई, ‘सरकार’ पहुंची आशीर्वाद देने
प्रवीण नाथावत जैसलमेर एसपी भंवरसिंह नाथावत का पुत्र है. इसलिए 4 दिन तक पीड़ित सीआई खुद अपने साथ हुई मारपीट की रिपोर्ट अपने ही थाने में दर्ज नहीं कर सका. चार दिन बाद आईजी के निर्देश पर मुकदमा दर्ज हुआ तो पुलिस ‘जांच’ के बहाने ढिलाई बरतती रही क्योंकि अगले चार दिन बाद प्रवीण की शादी होनी थी. बकायदा शादी हुई भी. बारात परबतसर गई. अगले दिन पुष्कर में ग्रांड रिसेप्शन भी हुआ। एसपी नाथावत के बेटे को ‘आशीर्वाद’ देने गहलोत सरकार के राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त धर्मेन्द्र राठौड़ सहित पुलिस के कई आला अफसर भी पहुंचे। कमाल यह रहा कि जिसे अजमेर पुलिस ढूंढ रही थी, वह दूल्हा बना स्टेज पर कानून के उन्हीं रखवालों से आशीर्वाद लेता रहा.
खाकी की छवि हुई खराब
आमजन की सुरक्षा का दावा करने वाली पुलिस के अधिकारी की सरेआम पिटाई होने की घटना के बाद खाकी की छवि खराब हुई है. केस दर्ज होने के बावजूद हमलावर खुलेआम घूमता रहा है. यहां तक कि धूमधाम से शादी भी कर ली. मामला पुलिस के ही बड़े अधिकारियों से जुड़ा होने के कारण पूरे पुलिस महकमे में चर्चा का विषय बना हुआ है.
चर्चा है कि अगर कोई सामान्य व्यक्ति होता तो पुलिस उसकी खुशियों में खलल ड़ालकर धर दबोचती और जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा देती, लेकिन इस हाई प्रोफाइल मामले में पुलिस अपराधी को पकड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी.