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जयपुर/सिरोही। सिरोही के पूर्व विधायक संयम लोढा ने राजस्थान हाई कोर्ट के माध्यम से वसुंधरा सरकार को एक और झटका दिया है।
वसुंधरा राजे सरकार ने सत्ता में आते ही राजस्थान के सभी राजीव गांधी सेवा केंद्रों के नाम बदलकर अटल सेवाकेंद्र कर दिया था,
सिरोही में कोंग्रेस के पूर्व विधायक संयम लोढ़ा की याचिका पर शुक्रवार को राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर पीठ के वरिष्ठ न्यायाधीपति एम.एन. भण्डारी ने भाजपा सरकार द्वारा प्रदेश में बनाये गये राजीव गांधी सेवा केन्द्र का नाम बदलकर अटल सेवा केन्द्र करने के आदेश दिनांक 28.12.2014 को निरस्त कर दिया है।
इससे पहले संयम लोढ़ा ने राजस्थान हाई कोर्ट के माध्यम से सिरोही जिला चिकित्सालय की बदहाल स्थिति को सुधारने के लिए याचिका लगाई थी। हाल ही में लोढ़ा ने सिरोही जिला भाजपा कार्यालय के लिए करोड़ों रुपये की जमीन को आने-पौने दामों पर देने के लिए भी राज्य सरकार को न्यायालय में चुनौती देने की चेतावनी दी है।
लोढ़ा के अधिवक्ता पुनित सिंघवी ने न्यायालय को यह बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा पारित उक्त निर्णय कानूनी की मूल भावना के विरूद्ध है। जिसमें कि राज्य सरकार द्वारा एक प्रशासनिक आदेश के द्वारा गजट नोटिफिकेशन से नामित राजीव गांधी सेवा केन्द्र का नाम बदलकर अटल सेवा केन्द्र रख दिया गया था।
यहां यह भी उल्लेखित करना अनिवार्य है कि राज्य सरकार द्वारा उक्त निर्णय मुख्यमंत्री की मंशा के उपरान्त पारित किया गया जिसमें कि कानून के सभी सिद्धांतो के विपरीत एवं विधि अनुसार प्रक्रिया अपनाये बिना उक्त केन्द्रो का नाम परिवर्तन करने का निर्णय लिया गया। प्रार्थी द्वारा उक्त याचिका एकलपीठ में दायर की गई थी।
जिसके पश्चात न्यायाधिपति बेला एम. त्रिवेदी द्वारा उक्त याचिका को जनहित याचिका मानते हुए खण्डपीठ में भेजने के आदेश पारित किये थे। खण्डपीठ के द्वारा उक्त याचिका को पुनः एकलपीठ में भेजने के आदेश फरमाये गये थे। जिसके पश्चात माननीय न्यायालय ने उक्त आदेश आज दिनांक 19.01.2018 को पारित किया गया है।
उक्त आदेश में न्यायालय ने राज्य सरकार के आदेश निरस्त हो जाने के पश्चात ग्रामीण एवं विकास मंत्रालय को यह निर्देशित किया है कि वह उक्त संबंध में उचित आदेश पारित करें जिससे कि भविष्य में इस प्रकार की कठिनाई फिर से उत्पन्न ना हो।
न्यायालय ने जब यह सुझाव दिया कि भविष्य में ऐसे प्रकरणो की पुनरावृति रोकने के लिए इन सेवा केन्द्रो का नाम किसी स्वाधीनता सेनानी के नाम पर ही रखा जाए।
यहां यह उल्लेखनीय है कि चूंकि आदेश दिनांक 28.12.2014 न्यायालय द्वारा निरस्त फरमाया गया है अतः सरकार द्वारा पुनः नया फैसला पारित ना किये जाने तक राजीव गांधी सेवा केन्द्र का नाम यथावत रहेगा। राज्य सरकार का पक्ष महाधिवक्ता एन.एम. लोढा द्वारा रखा गया।