जोधपुर। सरकार द्वारा गोसेवा के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करने व स्टाम्प डयूटी पर गो सेस वसूलने के बावजूद प्रदेश में गोवंश की दुर्दशा हो रही है।
गोचर भूमि पर अवैध कब्जों के चलते शहर ही नहीं गांव-ढ़ाणियों तक में गोवंश बिना धणी-धोरी के लावारिस विचरण कर रहा है। जिन्हें पकड़कर तस्करों द्वारा महंगे दामों में बेचकर गोहत्या को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके विरोध में जोधपुर के संत दयानंदगिरी महाराज ने 9 दिनों तक एक पांव पर खड़े होकर अनशन किया।
संत के अनशन को मिले समाज के समर्थन के बाद उपखण्ड अधिकारी यशपाल आहुजा ने उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिलाते हुए अनशन समाप्त कराया। पिछले 9 दिन से एक पांव पर खड़े रहकर अनशन कर रहे संत की मांग थी कि गांव—शहर में विचरण कर रहे गोवंश के लिए जल्द से जल्द नंदीशाला की व्यवस्था की जाए, गोचर भूमि पर हुए अतिक्रमण हटाए ताकि वे गोवंश के काम आ सके, गोतस्करी रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई की जाए।
संत की मांग मानते हुए एसडीएम ने अनशन स्थल पर पहुंचकर बताया कि सरकार की योजनांतर्गत 50 लाख रुपए नंदीशाला के लिए देने की घोषणा की गई थी। इंडस्ट्रीज एरिया के सामने की जमीन आवंटन के लिए चयनित की गई है। शीघ्रातिशीघ्र 50 लाख की राशि सरकार से पास करवा कर नंदी शाला का शुभारंभ करेंगे।
वहीं गोचर भूमि मुक्त करवाने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। तस्करी रोकने के लिए पुलिस को निर्देश दिए जाएंगे। इसके बाद जूस पिला कर संत का अनशन समाप्त करवाया गया।