जयपुर। शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ , राजस्थान , बीकानेर द्वारा ग्रेड – पे 3600 सहित पाँच सूत्रिय मांग पत्र एवं पी.ई.ई.ओ कार्यालय में पद सृजन करने के पत्र पर मुख्यमंत्री कार्यालय हरकत में आया।
अजमेर सम्भाग अध्यक्ष मनोज वर्मा ने बताया कि शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ राजस्थान बीकानेर के गिरजाशंकर आचार्य ने मुख्यमंत्री को 04.09.2000 पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में मंत्रालयिक वर्ग के पदों के सृजन बाबत ज्ञापन दिया था। उसके क्रम में मुख्यमंत्री कार्यालय ने शिक्षा निदेशक को पत्र क्रमांक मुम – संस ( एलएस ) / प. 2/ माध्य , शिक्षा / जय / 20 / 53024 दिनांक 14 सितम्बर 2020 को जारी कर आवश्यक कार्यवाही के लिए निर्देशित किया है। इसकी प्रति संघ को दी है ।
इसी प्रकार LDC ग्रेड – पे 3600 सहित 5 सूत्रीय मांग पत्र दिनांक 12.09.2020 के क्रम में भी माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय की अ0शा0टिप कमांक मु.म- संस(एल.एस . ) / प. 2 / वित्त / जय / 20/53032 दिनांक 14 सितम्बर 2020 के द्वारा अति मुख्य सचिव को लिखते हुए प्रति संघ को दी गई है ।
आचार्य ने बताया कि पी.ई.ओ. कार्यालयों में अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी ( राजपत्रित ) का 01 पद , सहायक प्रशासनिक अधिकारी 02 पद वरिष्ठ सहायक के 03 पद कनिष्ठ सहायक के 05 पद एवं सहायक कर्मचारियों के 08 पद संघ के द्वारा मांगे गये है ।
आचार्य ने यह भी अवगत करवाया है । 5सूत्री मांग पत्र में राजस्थान स्टेट पैरेटी के आधार पर कनिष्ठ सहायक लिपिक ग्रेड -1 ) की ग्रेड – पे 3600 लेवल -10 में करने तत्कालीन संघर्ष समिति शासन के मध्य हुए समझौते दिनांक 16.08.2013 के अनुरूप मंत्रालयिक संवर्ग के नवीन पदों का सृजन शासन सचिवालय एवं अधीनस्थ कार्यालय में मंत्रालयिक संवर्ग के पदों में व्याप्त असमानता को दूर करते हुए पद पदोन्नति प्रवाधान एवं वेतन समान करने हेतु नियमों में संशोधन करने , वेतन वसूली के निर्णय को वापिस लिये जाने साथ साथ शिक्षा विभाग के निदेशालय सहित समस्त कार्यालयों से शैक्षिक संवर्ग के स्टॉफ को हटाकर शालाओं में लगाने की मांग संघ के द्वारा की गई है ।
उक्त दोनों मांग पत्रों पर मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा त्वरित कार्यवाही करने के लिए संघ नर आभार व्यक्त करते हुए आशा व्यक्त की गई है कि शासन एवं प्रशासन द्वारा अविलम्ब वांछित नियमों में संशोधन / आदेशों जारी करने की कार्यवाही सम्पन्न की जाएगी ताकि मंत्रालियक कर्मचारियों को संघर्ष की राह नहीं पकड़नी पड़े ।