अजमेर । शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ अजमेर संभाग पदाधिकारियों ने अन्य कर्मचारी संघों को साथ लेकर ज़िला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित से मुलाकात कर वेतन कटौती पर रोक से संबधित मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
संभाग अध्यक्ष मनोज वर्मा ने बताया कि मुख्य मंत्री के नाम प्रेषित ज्ञापन में लिखा 28.6.2013 की अधिसूचना में अल्प वेतन भोगी कर्मचारी के वेतन में जो बढोत्तरी पिछली गहलोत सरकार ने की थी, जिसे गत भाजपा सरकार ने समाप्त कर वेतन में कटौती की व 1-7-13 से वसूली का आदेश दे दिया है।
ये आदेश भाजपा सरकार ने 30-10-17 को जारी किए जिसे १-७-१३ से प्रभावित कर वसूलियाँ की जाने लगी तब इस अमानवीय आदेश को लेकर कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त हुआ । गत सरकार को कर्मचारियों के भारी रोष का परिणाम भुगतना पड़ा। तब कर्मचारी जगत में एक नारा ख़ूब उछला वसुंधरा तेरी खैर नहीं मोदी तुझसे बैर नहीं ।
परिणाम सबने देखे चूंकि मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत के पिछले कार्यकाल में ही कर्मचारियों को यह लाभ दिया गया था अतः कर्मचारियों को उनसे कटौती बंद करने की आशा है।
ये रहे शामिल
ज्ञापन देने वालों में संभाग अध्यक्ष मनोज वर्मा, पुष्कर ब्लॉक अध्यक्ष अरूण बाबू पाराशर, संभाग अतिरिक्त मंत्री अमित गौड, आशीष सैठी, राजेष चौधरी, प्रणत जैसवाल, मुकेश मुन्दडा, संतोष सिंह, अशोक पालडिया, गजेन्द्र सिंह सहित एकीक्रत महासंघ ज़िला अध्यक्ष कांति शर्मा , दिग्विजय नाथ शर्मा , कैलाश चंद मेहरा,भाग चंद योगी, दिनेश शर्मा , मोहन चौधरी आदि मौजूद थे। इसी तरह कर्मचारी परिषद से प्रदेश महामंत्री रणधीर सिंह कच्छावा के प्रेषित ज्ञापन को ज़िला अध्यक्ष अनिल जैन , संतोष रावत ने दिया ।
ज्ञापन देने से पूर्व संभाग अध्यक्ष मनोज वर्मा ने अजमेर कलेक्टर पद पर नव पदस्थ राजपुरोहित का अभिनन्दन किया।
मालूम हो कि ग्रेड पे वेतन कटौती से राज्य सरकार के सभी विभागों के मंत्रालयिक जमादार, कर्मचारियों के साथ पुलिस विभाग के सिपाही, हेड कांस्टेबल , कृषि पर्यवेक्षक , पटवारी, अमीन , चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सहित पंद्रह संवर्ग के क़रीब ढाई लाख कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं।