अजमेर। विश्व हिन्दू परिषद का स्थापना दिवस एवं संस्कार शाला का प्रथम वार्षिक उत्सव सोमवार को जवाहर रंगमंच में धूमधाम के साथ मनाया गया। संस्कार शालाओं के बच्चों ने रंगारंग प्रस्तुतियां दीं।
विहिप के शहर अध्यक्ष एडवोकेट शशि प्रकाश इंदोरिया ने बताया कि परम पूजनीय गुरुजी गोलवरकर की प्रेरणा से 1964 में विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना हुई थी। आज इसकी स्थापना को 54 साल हो गए हैं।
विहिप के केन्द्रीय सह मंत्री आनंद प्रकाश गोयल ने कहा कि विहिप हिन्दू समाज के स्वाभिमान, जागरण, हिन्दु समाज पर व्याप्त संकटों को दूर करने साथ ही हिन्दू समाज को संगठित कर उनको सशक्त और समर्थ बनाने के लिए काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि 85 प्रतिशत आबादी हिन्दू होने के बावजूद आज भी भारत में ऐसी स्थित है कि हिन्दू को दूसरे दर्जे की नागरिकता सरीखा जीवन व्यतीत करना पड रहा है। यह हिन्दुओं का देश है।
विश्व में कहीं भी हिन्दू परेशान होता है तो इस देश में ही शरण लेता है। लेकिन विडंबना है कि आज इसी देश के भीतर न रामजन्मभूमि पर भगवान राम का मंदिर बन पा रहा है न धारा 370 हट पा रही है और न ही 35ए के विरुद्ध कोई कार्रवाई हो रही है।
विहिप ने हिन्दू समाज के बच्चों को संस्कारित करने की भी पहल की है। इसके तहत संस्कार शालाएं देशभर में चल रही हैं। एक साल पहले ही विहिप के सेवा विभाग के माध्यम से अजमेर शहर की कच्ची बस्तियों में संस्कार शालाएं शुरू की गई थी। यहां करीब 35 संस्कार शालाएं चल रही है। विहिप के स्थापना दिवस पर इन संस्कार शालाओं का प्रथम स्थापना दिवस भी मनाया गया। इस दौरान संस्कार शालाओं के बच्चों ने गीत, भजन और नाटिका की प्रस्तुतियां दीं।