कांग्रेस सरकार और एडीए के लिए मांगी सद् बुद्धि, यज्ञ में दी आहुतियां
अजमेर। राजस्थान के अजमेर में तेलंगाना हाऊस एवं अल्पसंख्यक छात्रावास हेतु आवंटित जमीन के विरोध में दर्जनों कॉलोनियों के लोगों ने विरोध प्रदर्शन जारी है। रविवार को क्षेत्रवासियों राज्य की कांग्रेस सरकार और अजमेर विकास प्राधिकरण के लिए सद् बुद्धि यज्ञ किया। इसमें सैकड़ों लोगों ने आहुतियां देकर समुदाय विशेष के लिए आवंटित जमीन का आवंटन तुरंत निरस्त करने की मांग की। इस दौरान लोगों ने सरकार और एडीए के खिलाफ नारेबाजी भी की।
प्रशासन के सामने फिर चुनौती
पिछले साल नूपुर शर्मा प्रकरण को लेकर अजमेर के मुस्लिम समुदाय ने विशाल मौन जुलूस निकाला। इसके चंद दिनों बाद हिन्दूवादी संगठनों ने ऐतिहासिक जुलूस निकाला जिसमें पहली बार बड़ी तादाद में लोगों का रेला सड़क पर उतर आया।
उधर, मुस्लिमों के मौन जुलूस के दौरान ख्वाजा साहब की दरगाह की सीढ़ियों से ‘सिर तन से जुदा…’नारा लगाया गया और भड़काऊ भाषण दिया गया। इसके चंद दिनों बाद उदयपुर में दो आतंकियों ने यही नारा लगाते हुए टेलर कन्हैया लाल की गला रेतकर निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी थी। उस कांड की रोशनी में अजमेर पुलिस ने दरगाह के खादिम गौहर चिश्ती, सलमान चिश्ती समेत करीब 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया। वे अभी जेल में हैं। अदालत में उन पर चार्ज फ्रेम भी हो चुके हैं।
इन घटनाओं से पिछले साल अजमेर का साम्प्रदायिक सौहार्द अचानक दांव पर लग गया था। पुलिस प्रशासन और बुद्धिजीवियों की सूझबूझ से दोनों समुदायों की रैलियां शांतिपूर्वक सम्पन्न हुई और बेलगाम बयानबाजी करने वालों पर मुकदमे दर्ज किए। अब आवासीय क्षेत्र में तेलंगाना हाउस और अल्पसंख्यक छात्रावास के लिए जमीनों के आवंटन के विरोध ने तूल पकड़ लिया है। जनभावना के खिलाफ सरकार के इस कदम ने एक बार फिर हजारों क्षेत्रवासियों को एकजुट कर दिया है। लोगों का कहना है कि क्षेत्र में जायरीन के लिए तेलंगाना हाउस और अल्पसंख्यक छात्रावास बनने से आसपास की शांति व्यवस्था प्रभावित होगी। नित नए विवाद होंगे। नए नए बाहरी लोगों की आवाजाही बढ़ेगी तो स्थानीय लोगों की सुरक्षा दांव पर लगेगी। अंततः सरकार और प्रशासन के समक्ष ही समस्या उत्पन्न होगी। इसलिए सम्भावित विवाद टालने के लिए बेहतर है कि कोटड़ा क्षेत्र में उपरोक्त आवंटन निरस्त कर कायड़ विश्राम स्थली के आसपास जमीनें दे दी जाए।
दिया था अल्टीमेटम
गत दिनों आरएसएस के पूर्व महानगर संघ चालक सुनील जैन की अगुवाई में लोगों ने जिला कलेक्टर अंशदीप को 3 दिन में आवंटन रद्द नहीं होने पर उग्र आंदोलन का अल्टीमेटम दिया था।
अजमेर में कोटडा आवासीय योजना के क्षेत्रवासियों की संघर्ष समिति के बैनर तले विरोध जताने लोग डाक बंगले पर एकत्रित हुए और पूर्व मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक वासूदेव देवनानी, उपमहापौर नीरज जैन, संघ के नगर संचालक सुनीलदत्त जैन, शहर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अरविन्द यादव के नेतृत्व में पैदल मार्च करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिलाधीश एवं अजमेर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष अंशदीप को विरोध पत्र सौंप कर आवंटित जमीने निरस्त करने की मांग की थी।
देवनानी कहा कि कांग्रेस सरकार के ईशारे पर हिन्दू बहुल क्षेत्र में अल्पसंख्यकों के लिए तेलंगाना हाऊस एवं अल्पसंख्यक छात्रावास के लिए जमीन आवंटन क्षेत्रवासियों के साथ अन्याय है तथा क्षेत्र में अशांति पैदा करना है। जिसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि आवंटित जमीन निरस्त नहीं की गई तो सडक से सदन तक आन्दोलन चलाया जाएगा।
अजमेर के उपमहापौर नीरज जैन ने इसे क्षेत्र में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाडने वाला कदम बताया। सुनील दत्त जैन ने कायड में पडे भू-भाग पर बसाने की बात कहते हुए आवंटन निरस्त करने की मांग की।
उधर, वार्ड एक के कांग्रेसी पार्षद बनवारीलाल शर्मा ने भी जमीन आवंटन निरस्त करने की मांग करते हुए खुलासा किया कि पूर्ववर्ति बीजेपी सरकार की मुखिया मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में ही जमीन आवंटित करने का प्रस्ताव मंजूर किया गया था। तब एडीए अध्यक्ष शिव शंकर हेड़ा को भी लोगों के विरोध स्वरूप यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डालना पड़ा था। जिन लोगों ने बीज बोया, अब वही विरोध कर राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं।
बहरहाल, कोटड़ा में तेलंगाना हाउस और अल्पसंख्यक छात्रावास निर्माण की राह खोलने के पीछे जिम्मेदार भाजपा की सरकार हो या कांग्रेस की, जनमानस के खिलाफ जाने का अधिकार किसी को नहीं है। विवाद टालना और जनमानस की सुरक्षा करना सरकार का पहला दायित्व है।