अजमेर। अजमेर विद्युत वितरण निगम के तकनीकी कर्मचारियों की हड़ताल को सरकार ने रेस्मा एक्ट के तहत अवैध घोषित कर दिया है। ऐसे में यदि कोई कर्मचारी हड़ताल में जाता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
निगम के प्रबंध निदेशक हेमन्त कुमार गेरा ने बताया कि जो कर्मचारी हड़ताल में भाग लेता है उसे 6 माह की सजा या दो सौ रुपए अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है। इसी प्रकार यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य कर्मचारी को हड़ताल पर जाने के लिए उकसाता है या वित्तीय मदद करता है तो उस पर एक वर्ष की सजा या एक हजार रुपए का जुर्माना किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि किसी भी हड़ताली कर्मचारी को पुलिस अधिकारी बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकता है। उन्होंने बताया कि यदि कोई राजकीय सम्पति को नुकसान पहुंचाता है तो उसके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।
निगम के सचिव प्रशासन राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि जो तकनीकी कर्मचारी 8 दिन या उससे अधिक बिना अवकाश स्वीकृत कराएं अनुपस्थित रहता है तो उसकी सेवाएं समाप्त भी की जा सकती है।
इसी प्रकार कोई भी कर्मचारी 48 घंटे से ज्यादा पुलिस हिरासत में रहता है तो उसे निलम्बित किया जाता है। उन्होंने बताया प्रशिक्षु तकनीकी कर्मचारी यदि किसी हड़ताल में भाग लेता है, किसी को उकसाता है या सम्पति को नुकसान पहुंचाता है तो उसकी सेवाएं समाप्त की जा सकती है।